Uttarakhand Waqf Board Chairman Shadab Shams: वक्फ (संशोधन) बिल के विपक्ष के द्वारा किए जा रहे पुरजोर विरोध के बीच इसके समर्थन में भी लोग आगे आ रहे हैं। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा है कि जो लोग वक्फ (संशोधन) बिल का विरोध कर रहे हैं, वे पॉलिटिकल मुसलमान हैं। इस बीच कांग्रेस, असदुद्दीन ओवैसी के बाद आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने भी इस बिल के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
शादाब शम्स ने कहा कि इन दिनों वक्फ बिल के विरोध में पुतले दहन किए जा रहे हैं लेकिन पुतला दहन इस्लाम का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में दहन का कोई कांसेप्ट ही नहीं है। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या अरब में दहन होता है?
शादाब शम्स ने कहा कि पुतले दहन करने वाले या तो मुसलमान नहीं हैं या फिर ये पॉलिटिकल मुसलमान हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग गरीब मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं लेकिन अब गरीब मुसलमान समझ रहा है कि उसकी लड़ाई पूंजीपति मुसलमान से है, वक्फ माफिया से है और ऐसे लोगों से है जो वक्फ को अपने तक सीमित रखना चाहते हैं।
पसमांदा मुसलमानों से होती है छुआछूत
शादाब शम्स ने कहा कि ऐसे लोग जो गरीब मुसलमानों से छुआछूत करते हैं आज मुसलमानों से इकट्ठा होने के लिए कह रहे हैं। शम्स ने कहा कि जब कब्रिस्तान में मुसलमान को दफन करने का वक्त आता है तो पसमांदा मुसलमानों के साथ छुआछूत होती है और वहां पता चलता है कि यह ऊंची जातियों के मुसलमानों का कब्रिस्तान है। शम्स ने कहा कि यहां छोटी जातियों के लोगों को दफन होने की भी इजाजत नहीं है और यही सच्चाई है।
उन्होंने कहा कि जो छोटी जाति का और पसमांदा मुसलमान इस दर्द को महसूस कर रहा है और इस दर्द को समझने का काम प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने किया है। उन्होंने कहा कि गरीबों और पसमांदा के हक की लड़ाई अब बीजेपी पूरी ताकत से लड़ेगी।
सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
वक्फ (संशोधन) बिल को लेकर देश भर में चल रही जोरदार राजनीतिक जंग के बीच कांग्रेस के सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बाद आप विधायक अमानतुल्ला खान ने भी इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। विपक्षी दलों का दावा है कि वक्फ बिल भेदभाव करता है और मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए लाया गया है।
हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि वक्फ बिल के कानून बनने से गरीब और मुस्लिम महिलाओं को लाभ होगा और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी।
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