उत्तराखंड में आज जारी हुई समान नागरिक संहिता (UCC) समिति की रिपोर्ट पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि जनता ने हमें इस काम के लिए अपना वोट दिया है। वे बोले, “राज्य की जनता ने हमें इसी काम के लिए चुना था, मैं उत्तराखंड की जनता को बधाई देता हूं कि यहां यूसीसी लागू होने के बाद कानूनों में कई जटिलताएं आसान हो जाएंगी, लोगों को आसानी से न्याय मिल सकेगा, सभी के लिए एक समान व्यवस्था लागू होगी…।” इस रिपोर्ट को नियम एवं क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने शुक्रवार को देहरादून में जारी कर दी है। उन्होंने बताया, “समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड, 2024 की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पढ़ने के लिए आप वेबसाइट https://ucc.uk.gov.in पर जा सकते हैं। यह 4 खंडों में उपलब्ध है।”

पांच सदस्यीय कमेटी ने जारी किया अमल करने का रूल्स-रेगुलेशन

पूर्व आईएएस शत्रुघ्न सिंह राज्य में यूसीसी को लागू करने के लिए बनाई गई 5 सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष हैं। कमेटी ने राज्य में इस कानून को लागू करने के लिए नियम और उप नियम बनाए हैं। कमेटी में सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौर, दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल, अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा और उत्तराखंड के स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा शामिल रहे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 6 फरवरी को विधानसभा में उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (UCC) उत्तराखंड-2024 विधेयक पेश किया था। विधानसभा से मंजूरी मिलने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा गया था। पिछले अप्रैल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी इसकी मंजूरी मिल गई थी। इसके बाद यह विधेयक कानून बन गया है। ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। 

सावन माह में भगवान शंकर का जलाभिषेक करने के लिए गंगाजल लेने देशभर से बड़ी संख्या में शिवभक्तों के आने और कांवड़ यात्रा करने को लेकर उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण मेला है। देश के कई राज्यों से शिवभक्त यहां आते हैं, उनके लिए उचित प्रबंधन हो, उचित व्यवस्था हो, उनकी यात्रा अच्छी हो, उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो, इस पर वे अफसरों के साथ चर्चा कर रहे हैं।”

समान नागरिक संहिता बीजेपी का बड़ा मुद्दा रहा है। मोदी सरकार इसको देश भर में लागू करने का वादा किया है। हालांकि गैर बीजेपी शासित राज्यों ने इसे अपने यहां लागू करने का विरोध किया है।