उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह से विवाद होने के बाद निलंबित टीचर उत्तरा पंत बहुगुणा एक बार फिर चर्चा में है। मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम में हंगामा और अभद्रता करने के आरोप में निलंबित की गईं टीचर उत्तरा पंत ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्हें पिछले 8 महीने से एक छोटी से बात के लिए बेवजह परेशान किया जा रहा है। उत्तरा पंत ने कहा कि पिछले आठ महीनों से वो अनावश्यक परेशानी का सामना कर रही हैं, जिसकी वजह से परिवार को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन प्रशानिक अधिकारियों का उनकी समस्या पर ध्यान नहीं है।

गौरतलब है कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह के जनता दरबार में उत्तरा पंत की उनसे झड़प हो गई थी। जिसके बाद सीएम ने उन्हें सस्पेंड करन का आदेश दे दिया था। बता दें कि टीचर उत्तरा पंत बहुगुणा उत्तरकाशी जिले के नौगांव प्राथमिक विद्यालय में पिछले 25 साल से तैनात हैं। 57 वर्षीय टीचर उत्तरा पंत का कहना है कि एक साल पहले उनके पति की मौत हो गई थी। उनके बच्चे देहरादून में अकेले रहते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी स्थिति ऐसी है कि वो अपने बच्चों को अकेला नही छोड़ सकती और न ही वो नौकरी छोड़ सकती हैं। उनका कहना है कि सेवाकाल के अंतिम वर्षों में वो अपने बच्चों के साथ रहना चाहती है।

टीचर से विवाद के बाद उत्तराखंड सरकार और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की हो रही आलोचना के चलते शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने महिला टीचर से माफी मांगी थी। जिसपर टीचर उत्तरा पंत ने जवाब दिया था कि जब सीएम ने मुझे अपमानित किया है तो फिर शिक्षा मंत्री मुझसे माफी क्यों मांग रहे हैं। उन्होंने सीएम से माफी की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मेरे भी आत्मसम्मान है और मैं किसी को भी अपना अपमान करने नहीं दे सकती।

गौरतलब है कि हाल ही में नौगाव ब्लॉक के तीन राजकीय प्राथमिक विद्यालय में लंबे समय से अनुपस्थित चल रही शिक्षिकाओं पर शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू की जिनमें दो सहायक एक प्रधानाध्यापिका शमिल है। इनको शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी कर दिया है। विभाग के अनुसार इन लोगों में टीचर उत्तरा पंत भी शामिल थी। जो सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के शिकायत निवारण शिविर में हंगामे के कारण चर्चाओं में आई थीं। जिसके बाद उत्तरा पंत ने एएनआई से बात करते हुए राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है।