उत्तराखंड सरकार शीघ्र ही एससी त्रिपाठी और केएल भाटी आयोगों की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर पोल खोलेगी। ये दोनों आयोग कांग्रेस सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा के कार्यकाल के कथित घोटालों की जांच के लिये गठित किये थे । इन दोनों आयोगों ने अपनी रिपोर्ट सरकार को दे दी है लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री हरीश रावत इन पर कार्रवाई करने से बचते रहे हैं । लेकिन पिछले सप्ताह नयी दिल्ली में हुई उत्तराखंड कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया कि दोनों जांच रिपोर्टों को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में रखकर उन पर चर्चा की जाये ताकि अगले साल की शुरूआत में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें सार्वजनिक किया जा सके ।

कांग्रेस के विश्वसनीय सूत्रों ने बातचीत में इस बात की पुष्टि की कि बहुत जल्द रावत सरकार मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर इस पर चर्चा करा सकती है । वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान जारी अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने भाजपा सरकार के कार्यकाल के कथित घोटालों को एक बड़ा मुद्दा बनाते हुए सत्ता में आने पर उनकी जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का वायदा किया था ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी हाल ही में मुख्यमंत्री रावत को पत्र लिखकर इन दोनों जांच रिपोर्टों पर कार्रवाई करने की मांग की थी ।

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी केएल भाटी ने वर्ष 2012 में जांच शुरू की थी और उसके एक साल बाद उत्तराखंड बीज एवं तराई निगम में कथित अनियमितताओं की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी । भाटी के इस्तीफा देने के बाद सरकार ने त्रिपाठी आयोग का गठन किया था और उसने भी अपनी जांच रिपोर्ट पिछले साल सरकार को सौंप दी थी । इन आयोगों को जिन कथित घोटालों की जांच सौंपी गयी थी, उनमें 56 पनबिजली परियोजनाओं का आवंटन, सिटुर्जिया आवास परियोजना, महाकुंभ मेला और केंद्र पोषित परियोजनाओं में कथित धांधली शामिल है ।