उत्तराखंड के टिहरी जिले में दुर्गम स्थानों तक स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की उपलब्‍धता की दिशा में एक सफल प्रयोग किया गया। यहां एक पहाड़ी इलाके में मानव रहित विमान (ड्रोन) द्वारा 36 किलोमीटर दूर खून (ब्लड) के नमूने सफलतापूर्वक पहुंचाए गए। ड्रोन के जरिए ब्लड सैंपल को महज 18 मिनट में ऐसी जगह पहुंचाया गया, जहां आसानी से पहुंचना बेहद मुश्किल है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस ड्रोन को आईआईटी कानपुर के छात्र रह चुके सीडी स्‍पेस रोबॉटिक्‍स लिमिटेड नाम की फर्म के मालिक निखिल उपाधे ने बनाया है।

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क्या है मामला: दरअसल, ड्रोन के जरिए ब्लड के सैंपल एक दुर्गम पहाड़ी इलाके के अस्पताल से टिहरी के बुराड़ी जिला अस्‍पताल तक पहुंचाए गए। बताया जा रहा है कि इस सैंपल को अगर सड़क मार्ग से सड़क से भेजा जाता तो करीब डेढ़ घंटे लगते, लेकन टेलि-मेडिसिन प्रोजेक्‍ट के तहत चलाए जा रहे अभियान से इसे ड्रोन के द्वारा सैंपल को महज 18 मिनट में गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया। एनबीटी में छपी खबर के मुताबिक इस ड्रोन को मालिक निखिल उपाधे की सीडी स्‍पेस रोबॉटिक्‍स लिमिटेड नाम की फर्म ने बनाया था। निखिल  आईआईटी कानपुर के छात्र रह चुके हैं। बकौल निखिल हमने जो ड्रोन बनाए हैं उनमें कूलिंग किट के साथ-साथ आपातकालीन दवाओं और ब्‍लड यूनिट को ट्रांसपोर्ट करने की क्षमता भी है।

क्या कहना है डॉक्टर्स का: अस्पताल के डॉ. पांगती के मुताबिक ड्रोन ने नंदगांव पीएचसी से बुराड़ी हॉस्पिटल तक की 36 किलोमीटर की दूरी को महज 18 मिनट में पूरी कर ली। जबकि सड़क मार्ग के जरिए यहां तक पहुंचने में 70 से 100 मिनट तक लग जातें हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन में ब्‍लड सैंपल के अलावा एक कूलिंग किट भी थी ताकि सैंपल खराब न हो जाएं। बताया जा रहा है कि ड्रोन के जरिए दुर्गम क्षेत्रों के लोगों को जरुरी चिकित्सा सुविधा की वस्तुएं समय पर मिल सकती है।