उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित एक बोर्डिंग स्कूल में 12 साल के बच्चे की बर्बर हत्या और स्कूल में ही शव को जलाए जाने की घटना से हड़कंप मच गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक वासु यादव नाम के बच्चे को उसी के कुछ सीनियर छात्रों ने क्रिकेट के बल्लों और स्टंप्स से पीट-पीट कर मार डाला। पुलिस के हवाले से मिली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले को रफा-दफा करने के लिए स्कूल प्रबंधन ने छात्र को मृत घोषित किए जाने के बाद स्कूल कैंपस के भीतर ही उसका शव गुपचुप तरीके से जला दिया। घटना को लंबे समय तक छिपाए जाने की जानकारी सामने आई है। घटना में शामिल छात्रों को आईपीसी की धारा 302 के तहत गिरफ्तार किया गया है। वहीं होस्टल मैनेजर, स्पोर्ट्स टीचर और वार्डन के खिलाफ सबूत छिपाने के लिए धारा 201 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह घटना 10 मार्च की है। लंबे समय तक यह मामला सामने नहीं आने दिया गया। हालांकि अब भी इस केस की पूरी गुत्थी नहीं सुलझ पाई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘वारदात को अंजाम देने वाले दोनों छात्रों की उम्र करीब 19 साल है। दोनों कक्षा बारहवीं के छात्र बताए जा रहे हैं। दोनों ने वासु को कक्षा के अंदर बर्बर तरीके से पीटा। इसके बाद उसे कथित तौर पर प्रताड़ित किया और उस पर ठंडा पानी डाला। आरोपियों ने मृतक छात्र पर बिस्किट चुराने का आोरप लगाया था। इस मारपीट से छात्र की मौत हो गई थी। मौत होने के बाद कई घंटों तक उसका शव कक्षा में ही पड़ा रहा। देर शाम होस्टल वार्डन के आने के बाद घटना की जानकारी मिल पाई। इस घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को कैंपस छोड़ने से मना कर दिया।’
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देहरादून की एसएसपी निवेदिता कुकरेती के मुताबिक, स्कूल प्रबंधन पर इस मामले में कई गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। बच्चे को अस्पताल भी देरी से ले जाया गया। इस वजह से उसकी मौत हो गई। स्टाफ के सदस्यों ने पुलिस को सूचना नहीं दी और घटना को छिपाने का प्रयास किया। बच्चे को दोपहर के समय पीटा गया था जबकि देर शाम उसे अस्पताल ले जाया गया।’ उत्तराखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के मुताबिक छात्र के शव को पोस्टमार्टम से पहले ही जला दिया गया। आयोग का कहना है कि उसके हस्तक्षेप के बाद ही पुलिस ने मामले की तहकीकात की। इस मामले में हापुड़ में रहने वाले छात्र के परिजनों को भी घटना की जानकारी नहीं दी गई।
