उत्तराखंड के दून अस्पताल में मोबाइल टॉर्च और मोमबत्ती की रोशनी में 9 महिलाओं की डिलीवरी कराने के मामले में सीएम टीएस रावत ने ऐसा बयान दिया है, जिस पर विवाद हो सकता है। सीएम से अस्पताल की लापरवाही को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने पलटवार करते हुए पूछा, ‘‘क्या अंधेरे में मोमबत्ती नहीं जलानी चाहिए थी?’’

यह कहा सीएम रावत ने : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ‘‘अस्पताल में बिजली की व्यवस्था है। किसी दिक्कत की वजह से बिजली गुल हुई होगी। ये सिर्फ एक घटना है। बिजली गुल होने पर अगर मोमबत्ती जलाई गई तो इसमें गलत क्या था? क्या मोमबत्ती नहीं जलानी चाहिए थी?’’ बता दें कि उत्तराखंड का स्वास्थ्य और ऊर्जा विभाग दोनों ही सीएम रावत के अंतर्गत आते हैं। वहीं, ऐसा पहली बार नहीं हुआ, जब अस्पताल में मरीजों के साथ ऐसी लापरवाही बरती गई।

यह है मामला : उत्तराखंड के दून अस्पताल में मंगलवार देर रात से बुधवार सुबह 8 बजे तक बिजली गुल रही। उस दौरान मोमबत्ती और टॉर्च की रोशनी में 9 महिलाओं की डिलीवरी की गई थी। अस्पताल में बिजली चले जाने के बाद कोई बैकअप न होने पर काफी हंगामा भी हुआ।

जेनरेटर भी थे खराब: गौरतलब है कि मंगलवार देर रात तेज बारिश के चलते शहर की बिजली गुल हो गई थी। उस दौरान जेनरेटर चलाने की कोशिश की गई, लेकिन उसके खराब होने की जानकारी मिली। वहीं, अस्पताल का एकमात्र इलेक्ट्रिशियन भी छुट्टी पर गया हुआ था। इसके चलते अस्पताल में बिजली की व्यवस्था नहीं हो पाई।