देश में सरकारी अस्पतालों की खस्ताहाल स्थिति किसी से छुपी नहीं है। ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के दून अस्पताल में देखने को मिला। मंगलवार देर रात से लेकर बुधवार सुबह 8 बजे तक अस्पताल में लाइट न होने से डॉक्टरों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान शर्मनाक मामला ये हुआ कि देर रात अचानक अस्पताल की बिजली गुल हो गई, तभी अस्पताल में भर्ती महिलाओं को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। ऐसे में डॉक्टरों ने मोमबत्ती और टॉर्च जलाकर महिलाओं की डिलीवरी करवाई।

सूचना देने के बाद भी नहीं आए टेक्नीशियन-अस्पताल में बिजली न होने की सूचना सबसे पहले अस्पताल की सीएमएस को दी गई थी। जिसके बाद उन्होने इसकी सूचना अस्पताल के टेक्नीशियन इंचार्ज और सूचना सुपरवाइजर को दी। लेकिन बारिश का हवाला देकर उन्होने आने से साफ मना कर दिया। जिसके चलते डॉक्टरों ने मोमबत्ती और टॉर्च की मदद से डिलीवरी की।

जनरेटर भी थे खराब- बता दें कि मंगलवार देर रात तेज बारिश के चलते शहर की बिजली गुल हो गई थी। इसी बीच जनरेटर चलाने की कोशिश की गई पर गार्ड ने बताया कि जनरेटर खराब है। अस्पताल का एकमात्र इलेक्ट्रिशियन भी छुट्टी पर था। इसके कारण अस्पताल में बिजली की व्यवस्था नहीं हो पाई थी । काफी कोशिश करने के बाद भी कई घंटों तक लाइट नहीं आई। तभी अस्पताल में भर्ती महिलाओं को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। डॉक्टरों ने मोमबत्ती और टॉर्च का सहारा लेकर 9 महिलाओं की सफल डिलीवरी कराई। कम रोशनी के बावजूद डॉक्टर भी सभी डिलीवरी सफल रहीं। अच्छी बात ये रही कि सभी जज्जा- बच्चा सही सलामत हैं। अब आखिर में सवाल ये उठता है कि यदि अगर शहरों में ये हाल है तो गांवों में क्या स्थिति होती होगी।