योग गुरु बाबा राम देव इन दिनों प्रयागराज में हैं। यहां वह कुंभ के मद्देनजर पहुंचे हैं। वह यहां पहले से मौजूद साधुओं के बीच ही अपना ज्यादातर वक्त गुजार रहे हैं। लेकिन यहां वह एक मिशन के तहत पहुंचे हैं। कुंभ में आए साधुओं से रामदेव चिलम का दान मांग रहे हैं। दरअसल योग गुरु का नशा मुक्ति मिशन पर निकले हुए हैं। इसी के चलते वह यहां इन सभी से नशे से दूर रहने का अनुरोध कर रहे हैं।

प्रयागराज में चल रहे कुंभ पहुंचे रामदेव यहां चिलम और दूसरे नशे की चीजें दान में मांग रहे हैं। साधुओं से नशे की दूरी बनाने के लिए वह अखाड़ों में जाकर बात कर रहे हैं। यहां के साधु भी रामदेव को खाली हाथ नहीं जाने दे रहे हैं। वह रामदेव के अनुरोध को स्वीकार करते हुए अपनी चिलम और नशे की दूसरी चीजें दान में दे रहे हैं। रामदेव ने अपने इस मिशन को लेकर कहा कि, वह एक छोटे प्रयास पर निकले हैं। उन्होंने साधुओं से अनुरोध किया कि आप सभी नशे से दूर रहें और स्वस्थ बने रहें।

बता दें कि, बीते दिनों देश में भारत रत्न पर बयान देकर चर्चा में बने थे। बाबा रामदेव ने कहा था, ‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 70 सालों में एक भी संन्यासी को भारत रत्न नहीं दिया गया। स्वामी विवेकानंद, महर्षि दयानंद या शिवकुमार स्वामी जैसे संन्यासियों को भी भारत रत्न से नवाजा जाना चाहिए था। इनका योगदान राजनेताओं या कलाकारों से कम है क्या?’

उन्होंने कहा था कि, ‘मदर टेरेसा को भारत रत्न इसलिए दिया गया क्योंकि वो ईसाई थीं। लेकिन संन्यासियों को यह पुरस्कार कभी नहीं दिया गया।’ बाबा ने सवाल उठाया कि क्या इस देश में हिंदू होना गुनाह है। उल्लेखनीय है कि दो दिनों पहले ही देश में तीन हस्तियों को भारत रत्न सम्मान देने का ऐलान किया गया है। इनमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका के नाम शामिल हैं।