यूपी के वाराणसी में नाबालिग लड़की के अपहरण की खबर मिलने पर दबिश देने के लिए पुलिस अल्पसंख्यकों के गांव में गई थी। लेकिन पुलिस को देखकर मोहल्ले वाले एकजुट हो गए। उन्होंने ट्रेनी दारोगा और सिपाही को रस्सी से बांध दिया। इसके बाद जमकर पिटाई भी की गई। छापा मारने आई पुलिस टीम ने जब भीड़ का ये हाल देखा तो सभी जान बचाकर भाग गए। बाद में बैकअप फोर्स आने पर दोनों को मुक्त करवाया गया। मामला वाराणसी के लोहता थाना क्षेत्र के हरपालपुर गांव का है।

दरअसल बीते पांच जुलाई को लोहता गांव के एक निवासी ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसकी नाबालिग बेटी का स्कूल जाते वक्त किसी ने अपहरण कर लिया है। वह शाम तक घर लौटकर नहीं आई थी। लड़की ने पिता ने एक हफ्ते तक खोजबीन के बाद औरंगाबाद के शाहिद अंसारी के खिलाफ अपहरण और बलात्कार का मामला दर्ज करवा दिया। पुलिस को खबर मिली कि इस मामले का आरोपी शाहिद अंसारी अपने दोस्त के साथा मामा हाजी यासीन अंसारी के घर में रह रहा है।

सूचना मिलते ही प्रशिक्षु एसआई भूपेंद्र सिंह, पवन यादव, राहुल, मैनेजर सिंह, नेहा कनौजिया और लड़की के घर के लोग हरपालपुर गांव पहुंच गए। पुलिस वालों को देखकर गांव वाले एकजुट हो गए और भूपेंद्र सिंह के साथ पवन यादव को बंधक बना लिया। दोनों को हाजी यासीन अंसारी के घर में रस्सी से बांधकर पीटा जाने लगा। ये हाल देखकर अन्य पुलिस वाले जानबचाकर मौके से भाग निकले और अधिकारियों को सूचना दी। हालांकि इस मामले में ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने पहले महिलाओं के साथ अभद्रता की थी।

बंधक बनाए जाने की सूचना मिलते ही जंसा और लोहता थाने की फोर्स ने दारोगा और सिपाही को मुक्त करवा लिया। घटना की सूचना मिलने पर एसपी ग्रामीण अमित कुमार कई थानों का फोर्स लेकर हरपालपुर गांव पहुंचे और 40 ग्रामीणों को गिरफ्तार करके मामला दर्ज कर लिया। पुलिस को देखकर ग्रामीण घरों में ताला लगाकर भागने लगे। लेकिन पुलिस पूरी तैयारी से आई थी। किसी को भागने का मौका नहीं मिला। पुलिस सभी आरोपियों को बस में गिरफ्तार करके थाने ले आई। हाजी यासीन अंसारी ने बताया कि पुलिस ने मेरे बहनोई और उनके परिवार के साथ मारपीट की थी। इसी कारण गांव वाले भड़क गए और पुलिसकर्मियों को पीट दिया।