वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर इन दिनों बवाल मचा हुआ है। इसी बीच विश्व हिन्दू परिषद् (VHP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने बड़ा दावा किया है कि किसी मस्जिद का नाम भाषाई रूप से या फिर सैद्धांतिक रूप से ज्ञानवापी हो ही नहीं सकता है। जब इनके तोड़ने वाले औरंगजेब ने ही खुद स्वीकार कर लिया तो फिर इन्हें स्वीकार करने में क्या परेशानी है?

मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी पहली बात तो कोई मस्जिद नहीं है। उसका नाम, आकार, भूगोल किसी भी मस्जिद के जैसा नहीं है। औरंगजेब ने तो खुद भी स्वीकार किया है कि 1669 में ये जो शिव मंदिर है उसे तोड़ा गया है तो इनके पास क्या सबूत रह जाएंगे? इसी कारण से सर्वेक्षण करने वाली टीम को रोका जा रहा है। अब इन्हें यह स्वीकार करने में क्या परेशानी है? देश में कानून का राज है। देश संविधान से चलता है।

मस्जिद कहने वाले झूठ बोल रहे हैं: आगे उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी समेत जो भी ज्ञानवापी को मस्जिद बोल रहा है। वह झूठा है। ओवैसी तो मुसलमानों के दूसरे जिन्ना बनाना चाहते हैं। वह आज कोर्ट के फैसले के बाद भी राममंदिर जन्मभूमि को बाबरी मस्जिद कहता है। उसके भाई अकबरुद्दीन ने कहा था कि 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो, हिन्दुओं को बता देंगे। इसने अपने भाई के ऐसे बयान का बचाव किया। ऐसे ओवैसी से आप सच बोलने की अपेक्षा रखते हैं।

दिसंबर 2023 तक बनेगा राम मंदिर: तिवारी ने आगे बताया कि फ़िलहाल सारा ध्यान राम मंदिर निर्माण पर है। हमने भक्तों से वादा किया है कि दिसंबर 2023 तक राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा। काशी और मथुरा के मुद्दे पर कहा कि वह हमारे एजेंडे में शुरू से ही रहा है। लेकिन हम पहले राम मंदिर का निर्माण करेंगे, जिससे सभी भक्त रामलला के दर्शन कर पाएं।

बता दें, वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण के आदेश दिया है। इसमें मस्जिद के तहखानों का सर्वे हो रहा है, जिसकी रिपोर्ट 10 मई को सौंपनी है। इस सर्वेक्षण की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी का आदेश भी अदालत ने दिया है।