उत्तर प्रदेश में पुलिस को और ज्यादा दुरुस्त करने के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जिन भी पुलिसकर्मियों की उम्र 50 साल से ज्यादा हो गई है, उन्हें अब रिटायरमेंट देने की तैयारी है। इस आदेश की चर्चा लंबे समय से चल रही थी, अब औपचारिक ऐलान भी कर दिया गया है। लेकिन सबसे पहले गाज उन पुलिस अधिकारियों पर गिरेगी जो भ्रष्ट हैं, काम नहीं करते हैं।

जारी आदेश में बताया गया है कि जिन भी पुलिस अधिकारियों की उम्र 30 मार्च 2023 के बाद 50 साल हुई है, उन सभी को सेवा निवृत्ति दी जाएगी। सरकार की मंशा साफ है, वो हर कीमत पर कानून व्यवस्था को पूरी तरह दुरुस्त करना चाहती है। उसका मानना है कि फिट पुलिस अधिकारियों का सक्रिय होना ज्यादा जरूरी है, वहीं जो काम करने में आनाकानी करते हैं, जो नकारा हो चुके हैं, उन्हें रिटयरमेंट दिया जाएगा।

बताया जा रहा है कि पुलिस की बकायदा एक स्क्रीनिंग भी की जाएगी जहां पर उनके कार्यक्षमता से लेकर योग्याता को भापा जाएगा। इस बार ये भी देखा जा रहा है कि कौन सा पुलिस अधिकारी तेज फैसले ले रहा है और कौन उन्हीं फैसलों को लेने में काफी समय ले रहा है। इसे भी एक क्राइटेरिया के रूप में देखा जा रहा है। वैसे इससे पहले भी यूपी में पुलिस को लेकर ऐसी ही सख्ती दिखाई जा चुकी है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है। 2017 में जब बीजेपी की सरकार बनी थी, तब कानून व्यवस्था को ही एक ऐसा मुद्दा बनाया गया था जिसके दम पर समाजवादी पार्टी को सत्ता से हटाया गया। अब योगी सरकार किसी भी कीमत पर विपक्ष को कानून व्यवस्था के बहाने निशाना साधने का मौका नहीं देना चाहती।