उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दूसरी बार सरकार बनने के बाद मुफ्त राशन की योजना को तीन माह के लिए बढ़ा दिया गया था। सीएम योगी की ने अपनी पहली ही कैबिनेट में ये फैसला किया था। भारतीय जनता पार्टी मुफ्त राशन योजना को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताती है और इसको लेकर तरह-तरह के दावे करती है। दूसरी तरफ, ऐसी भी रिपोर्ट्स हैं कि राशन के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इटावा में जिलापूर्ति कार्यालय में राशन को लेकर लोगों की भीड़ नजर आई।
प्रशासन ने एक आदेश जारी किया है कि जो लोग फर्जी तरीके से गरीबों के नाम पर राशन ले रहे हैं, वे फौरन अपना राशन कार्ड वापस कर दें। ‘यूपी तक’ की रिपोर्ट के मुताबिक, जिलापूर्ति कार्यालय में कोई राशन कार्ड में यूनिट ऐड कराने पहुंचा था तो कोई राशन न मिलने की समस्या को लेकर वहां पहुंचा था। इन लोगों का कहना था कि वे काफी समय से कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनको मदद नहीं मिल पा रही है। राशन के लिए पात्रों का आरोप है कि अपात्र राशन ले जाते हैं और जिनको राशन मिलना चाहिए वे लोग केवल चक्कर काटते ही रह जाते हैं।
मलखान सिंह नामक एक पात्र का आरोप है कि डीलर ने उनके यूनिट अपने कार्ड में ऐड करा लिए और यूनिट के हिसाब से उनका राशन डीलर ले रहे हैं। मलखान सिंह का कहना था कि उनको राशन नहीं मिल पा रहा है। मजदूरी का काम करने वाले मलखान राशन न मिलने से काफी परेशान नजर आए।
इसी तरह, राजीव दूबे नामक शख्स ने आरोप लगाया कि जब भी राशन आता है तो उनका राशन कार्ड काट दिया जाता है और रिश्वत देने पर ही राशन कार्ड का काम किया जाता है। उन्होंने कहा, “हर तीसरे महीने मेरा राशन कार्ड काट देते हैं। जैसे ही राशन आता है उसी वक्त ये ऐसा करते हैं। मैं चश्मे की दुकान पर काम करता हूं, मेरे पास गाड़ी नहीं है और मैं किराए के मकान में रहता हूं।” दूबे ने आरोप लगाया कि सारा ‘खेल’ जिलापूर्ति कार्यालय से होता है। उन्होंने आरोप लगाया, “यहां भी आप 300 रु दे दीजिए तो तुरंत आपका राशन कार्ड सही हो जाएगा।”