असेंबली चुनाव में सपा और भाजपा के बीच पैदा हुई तल्खी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। एमएलसी चुनाव के दौरान फरुखाबाद के फतहगढ़ स्थिति कलेक्ट्रेट में दोनों पार्टियों के वर्कर एक दूसरे से भिड़ गए। पहले नारेबाजी हुई और उसके बाद हाथापाई के बाद चप्पलें तक चलती दिखीं। खास बात थी कि पुलिस के जवान चुपचाप होकर सारा तमाशा देखते रहे।
फरुखाबाद-इटावा विधान परिषद के लिए होने वाले चुनाव में भाजपा ने युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रंशु दत्त द्विवेदी को उम्मीदवार बनाया है। जबकि सपा ने मोहम्मदाबाद नगर पंचायत अध्यक्ष हरीश यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है। दोनों आज एक ही समय में नामांकन दाखिल करने पहुंचे को एक दूसरे को देख सपा व बीजेपी के वर्कर आपस में उलझ गए।
हरीश यादव का कहना था कि उनके पास नामांकन के सेट की तीन कापियां थीं। बीजेपी के लोगों ने उनके हाथ एक कॉपी लेकर फाड़ दी। उनके साथ मारपीट भी की गई। वो 42 साल नौकरी कर चुके हैं। लेकिन ऐसा कभी नहीं देखा। मानवता तार-तार हो गई। सीओ समेत वहां 100 पुलिस के जवान मौजूद थे लेकिन पुलिस मौन होकर देख रही थी। सपा नेता के मुताबिक बीजेपी के लोग पूरी तरह से गुंडागर्दी पर उतरे हैं।
उधर, बीजेपी का कहना है कि वो संस्कारी लोग हैं। सपा के नेता बेवजह ही उन पर आरोप लगा रहे हैं। सपा के लोगों ने आपस में मिलकर बीजेपी की छवि खराब करने के लिए मारपीट की। चप्पल मारने के सवाल पर बीजेपी नेता का कहना था कि जैसे ईवीएम पर आरोप लगाते हैं वैसा ही ये आरोप है। ये लोग हताश हैं। आपस में एक दूसरे की पिटाई करके कहते फिर रहे हैं कि बीजेपी के लोगों ने उनके साथ मारपीट की।
एएसपी अजेय प्रताप का कहना है कि दोनों दलों के प्रत्याशी एक साथ नामांकन कराने कलेक्ट्रेट में आ गए थे। उनका कहना था कि पुलिस ने माहौल को शांत कराकर सपा प्रत्याशी को नामांकन के लिए भीतर भेजा गया। फिलहाल शांति बनी है। उनका कहना था कि पुलिस ने मौके को देखकर ही स्टेप लिए। उनकी कोशिश थी कि विवाद शांत हो जाए और दोनों नेता अच्छे माहौल में अपना नामांकन दाखिल कर लें।