गोरखपुर स्थित बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में पिछले 24 घंटों के दौरान इंसेफ्लाइटिस (दिमागी बुखार) से छह और मरीजों की मौत हो गयी। अपर स्वास्थ्य निदेशक के कार्यालय से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार दिमागी बुखार से गोरखपुर मेडिकल अस्पताल में पिछले 24 घंटों के दौरान छह और मरीजों की मौत हो गयी। इसके साथ ही इस साल अब तक इंसेफेलाइटिस के कारण मेडिकल कालेज में मरने वालों की संख्या बढ़कर 153 हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान मेडिकल कालेज में इंसेफेलाइटिस के तीन नये मरीज भर्ती हुए। इस वर्ष एक जनवरी से आज तक मेडिकल कालेज में 576 मरीज भर्ती हुए हैं। अब भी इस अस्पताल में 66 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
वहीं इस घटना पर राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को गोरखपुर के एकदिवसीय दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने पिछले दिनों संदिग्ध परिस्थितियों में हुई कई बच्चों की मौत को सरकार जनित ‘राष्ट्रीय त्रासदी’ करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को इस घटना के दोषियों का बचाव करने के बजाय उन पर कार्रवाई करनी चाहिये। राहुल ने अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में गत 10-11 अगस्त को गोरखपुर मेडिकल कालेज में बच्चों की मौत की घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यह राष्ट्रीय त्रासदी है। यह हिन्दुस्तान के स्वास्थ्य सेवा तंत्र की हालत को जाहिर करती है। (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी न्यू इंडिया की बात करते हैं। हमें ऐसा न्यू इण्डिया नहीं चाहिये……हमें वह इण्डिया चाहिये जिसमें अस्पताल चलें, जिसमें गरीब लोग अपने बच्चों को अस्पताल ले जाएं और खुशी से लौटें।’’
अपने दौरे के दौरान इंसेफेलाइटिस से मरे बच्चों के परिजन से मुलाकात का जिक्र करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि काफी परिवारों ने कहा कि आक्सीजन की कमी के कारण उनके बच्चों की मृत्यु हुई। यह काफी स्पष्ट है कि यह सरकार की बनायी त्रासदी है।
इसके पूर्व, कांग्रेस उपाध्यक्ष पिछले दिनों गोरखपुर मेडिकल कालेज में हुई घटना में अपने बच्चों को खो चुके परिवार जन से उनके घर पर जाकर मुलाकात की। हालांकि बारिश होने के कारण वह मेडिकल कालेज नहीं जा सके। राहुल ने बागा गाढ़ा गांव के ब्रह्मदेव यादव के घर जाकर सांत्वना दी। यादव के दो जुड़वां बच्चों की उस घटना में मौत हुई थी। उसके बाद वह मालाओं गांव, बांस गाव के बसौली खुर्द तथा खुटहन खजनी गांव गये और मृत बच्चों के परिजनों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की।