लोक सभा चुनाव से पहले उत्‍तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। लखीमपुर खीरी में सपा के नेता और चार बार के सांसद रहे रवि प्रकाश वर्मा ने शुक्रवार को इस्‍तीफा दे दिया। अटकलें लगाई जा रही है कि वह 6 नवंबर को को कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव को भेजे पत्र में रवि प्रकाश वर्मा ने लिखा आपको अवगत कराना है कि जनपद खीरी में पार्टी की आंतरिक पर‍िस्थितियों के कारण मैं कार्य करने में असमर्थ हूं। इसलिए समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्‍यता से त्‍यागपत्र दे रहा हूं।

आपको बता दें कि रवि प्रकाश वर्मा के माता-पिता भी सांसद रह चुके हैं। उनकी बेटी पूर्वी वर्मा भी सपा का दामन छोड़ सकती हैं। माना जा रहा है कि सपा ने खीरी सीट से लोकसभा उम्‍मीदवार के तौर पर रवि प्रकाश वर्मा के अलावा किसी और नेता को प्राथमिकता दी है। रवि प्रकाश भी इस सीट से दावेदार थे। हालांकि अपनी बात न बनता देख उन्‍होंने सपा छोड़ने का फैसला कर लिया है।

रवि प्रकाश वर्मा ने इस्‍तीफे की जानकारी देते हुए कहा कि कई बार कुछ फैसले लेना कठिन होते हैं लेकिन लेने भी जरूरी होते हैं। पिछले 50 साल से अधिक समय से हमारे परिवार ने जनता की सेवा की है और खीरी को बेहतर बनाने की ईमानदारी से कोशिश की है। आप सबने पूरा सहयोग किया है, वादा है हम आपको आगे भी निराश नहीं करेंगे। नये कदम की घोषणा शीघ्र करेंगे।

कौन है रवि प्रकाश वर्मा

रवि प्रकाश वर्मा के पिता और कांग्रेस नेता बालगोविंद वर्मा खीरी सीट पर 1962 से 1971 तक और फिर 1980 में भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस (इंदिरा) के प्रत्‍याशी के तौर पर जीते थे। उनकी पत्‍नी उषा वर्मा ने भी तीन बार इस सीट का प्रतिनिधित्‍व किया और उनके बेटे रवि प्रकाश वर्मा ने 1988, 1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी के नेता के तौर पर चुनाव लड़ा और जीते। 2019 के लोकसभा चुनाव रवि प्रकाश वर्मा की बेटी को समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के उम्‍मीदवार के रूप में मैदान में उतारा गया था। हालांकि उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा था।