सीतापुर जेल में बंद आजम खान के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब शिया वक्फ बोर्ड ने आजम खान को झटका दिया है। शिया वक्फ बोर्ड ने शाही खानदान को वक्फ की कई संपत्तियां लौटा दी है। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने बताया कि वक्फ की संपत्तियों को लेकर शिकायतें मिली थी, जिसकी बाद में जांच की गई और जांच में वक्फ की संपत्तियों को उसके असल मालिक को सौंप दी गई है।

अली जैदी ने बताया कि आजम खान ने अपने कार्यकाल के दौरान शिया वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष वसीम रिजवी को निर्देशित करके किले वाली मस्जिद और इमामबाड़ा समेत शाही परिवार की 7 वक्फ संपत्तियों को गैरकानूनी तरीके से लेकर वसीम खान नाम के एक बाहरी व्यक्ति को उसका मालिक बना दिया था। अली जैदी ने यह भी कहा कि उन्हीं संपत्तियों में से एक पर बने शौकत अली बाजार को अदालत का स्टे ऑर्डर होने के बावजूद 2013 मई महीने में गिरा दिया गया था।

बता दें कि रामपुर के शाही घराने से आजम खान की अदावत भी काफी पुरानी है। शाही परिवार की बेगम नूर बानो आजम खान के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुकी हैं। वही हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भी आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ शाही परिवार के सदस्यों ने चुनाव लड़ा था। हालांकि शाही परिवार को हार का सामना करना पड़ा था।

हाल ही में आजम खान को विधानसभा की सदस्यता लेने के लिए अदालत ने विधानसभा जानें की अनुमति नहीं दी थी, जिसके कारण वह विधानसभा की सदस्यता नहीं ले पाये। बता दें कि आजम खान रामपुर विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में आजम खान रामपुर की लोकसभा सीट से विजई हुए थे। लेकिन 2022 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने लोकसभा सीट छोड़ने का फैसला किया है। आजम खान ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया है और उनका इस्तीफा मंजूर भी हो गया है।

वहीं आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम रामपुर जिले की सुअर विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं। 2017 में भी अब्दुल्ला आजम इसी विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे लेकिन उनकी उम्र को लेकर एक नेता ने शिकायत की थी और बाद में इन आरोपों को सही पाया गया था, जिसके बाद अब्दुल्ला आजम की सदस्यता रद्द हो गई थी। अब्दुल्ला आजम पर भी कई मुकदमे चल रहे हैं और विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही वह बेल पर बाहर आए हैं।