भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने अपने पिता हेमवती नंदन बहुगुणा के ऊपर एक किताब लिखी है, जिसको लेकर विवाद गहराता नजर आ रहा है। भाजपा के सहयोगी और योगी कैबिनेट में मंत्री संजय निषाद से जब इस किताब पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि वे पहले बेटे पर निशाना साधें, परिवार को संभालें तब इधर-उधर किसी पर निशाना साधें।

दरअसल, भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मंयक जोशी को पार्टी ने उत्तर प्रदेश के हालिया विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं दिया था। मयंक जोशी के लिए रीता बहुगुणा जोशी ने खुद टिकट की मांग की थी। हालांकि, पार्टी के टिकट देने से इनकार करने के बाद मंयक जोशी ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। संजय निषाद ने इशारों-इशारों में इसी को लेकर भाजपा सांसद पर तंज किया है।

संजय निषाद ने कहा, “मैं तो सलाह ही दूंगा कि पहले परिवार को संभालें, राजनीतिक अनुशासन बनाएं और राजनीतिक रूप से अपने साथ रखने का काम करें।” इस सवाल पर कि आप गठबंधन के सहयोगी दल भाजपा की सांसद पर सवाल उठा रहे हैं, संजय निषाद ने कहा, “जो कमियां रहेंगी उसके बारे में जरूर बात करूंगा। उनके बेटे के इधर-उधर जाने से छवि ज्यादा खराब हुई है और उसे सुधारने की दिशा में काम होना चाहिए।”

प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव से जुड़े एक सवाल के जवाब में निषाद पार्टी के प्रमुख ने कहा, “उनका भाजपा में आना या न आना, ये पूरी तरह भाजपा का विषय है, वह मेरा विषय नहीं है।” दरअसल, विधानसभा चुनावों के बाद से ही इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि शिवपाल यादव भाजपा का दामन थाम सकते हैं। हालांकि, शिवपाल यादव ने इसको लेकर स्पष्ट संकेत नहीं दिए हैं और उन्होंने कहा है कि उचित समय आने पर वे इसकी जानकारी सभी को देंगे।

रीता बहुगुणा जोशी ने अपनी किताब ‘हेमवती नंदन बहुगुणा: भारतीय जनचेतना के संवाहक’ में कई बातों का जिक्र किया है जिसको लेकर विवाद बढ़ता दिखाई दे रहा है। उन्होंने लिखा है कि इंदिरा गांधी को इस बात का डर था कि उनके पिता उनसे पीएम की कुर्सी छिन लेंगे इसलिए वह उनके खिलाफ साजिश रचती थीं।