सहारनपुर हिंसा में यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद वाली टिप्पणी के विरोध में 10 जून को यहां एक प्रदर्शन हुआ था, इस दौरान हिंसा भड़क गई थी। इसी मामले को लेकर पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था। इन्हीं गिरफ्तार किए गए लोगों में हशमत अली के बेटे का नाम भी शामिल है।

हशमत अली का कहना है कि उनका बेटा सब्जी लेने के लिए निकला था। हशमत के घर पर प्रशासन ने बुलडोजर एक्शन भी किया है। अब हशमत बता रहे हैं कि जिस मकान में वो रहते हैं वो उनका अपना नहीं है, किराये का है। पुलिस को वो बताते रहे कि ये किराये का मकान है, लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया।

प्रशासन ने हशमत के किराये वाले घर पर बुलडोजर चला दिया, अब मकान मालिक हशमत ने हर्जाने के रूप में पैसा मांग रहा है। हशमत का कहना है कि वो कहां से मकान मालिक को पैसे लाकर देंगे। प्रशासन ने गलत कार्रवाई की है। उन्हें मुसलमान होने की सजा मिल रही है। यूपी तक से बात करते हुए हशमत ने कहा- “जुल्म ढाया जा रहा है, हमें जान का भी माल का भी नुकसान दिया जा रहा है। मैं और मेरी पत्नी दोनों बीमार रहते हैं, बेटा मजदूरी करता था, कहां से पेट भरेंगे। हमारे घर में अनाज के दाने तक नहीं हैं।”

हशमत अली ने मीडिया से अपील करते हुए न्याय दिलाने की भी अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर बेटा मुलजिम था तो 10 को ही गिरफ्तार करना चाहिए था, मौके की जगह से लेकिन गिरफ्तारी 11 तारीख को हुई। आधा गेट तोड़ दिया।

बता दें कि नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर एक टीवी डिबेट में विवादित टिप्पणी कर दी थी। जिसे लेकर पहले तो देश के मुस्लिम संगठनों ने विरोध जताया था, फिर खाड़ी देशों से भी इस मामले पर विरोध जताया जाने लगा था। विरोध के बाद बीजेपी ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया और उसने कहा कि वो सभी धर्मों का सम्मान करती है। इसी बयान के विरोध में 10 जून को देश के कई राज्यों में हिंसात्मक विरोध-प्रदर्शन हुआ था।