उत्तर प्रदेश में अब जूनियर इंजीनियर को भी बिजली उपभोक्ताओं से बिजली बिल की किस्तें करके ”पार्ट पेमेंट” लेने का अधिकार दिया गया है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के एक उच्च अधिकारी ने भाषा से बातचीत में कहा, ”यह कदम उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए उठाया गया है । इस संबंध में कॉरपोरेशन की ओर से निर्देश जारी कर दिये गये हैं ।” उन्होंने कहा, ”गांवों में लगने वाले बिजली वसूली शिविरों में कई बार सब डिवीजनल अफसर (एसडीओ) नहीं पहुंच पाते । इससे सबसे बड़ी दिक्कत यह होती है कि ना तो उपभोक्ताओं के बिल सही हो पाते हैं और ना ही किस्तें लग पाती हैं ।”

अधिकारी ने बताया कि एसडीओ के नहीं पहुंच पाने से उपभोक्ता परेशान तो होता ही है, उसे बार बार कार्यालय के चक्कर भी लगाने पड़ते हैं । ऐसे में कॉरपोरेशन को राजस्व की हानि भी होती है। उन्होंने बताया कि अब जूनियर इंजीनियर भी बिल की किस्तें कर सकेंगे और उन्हें पार्ट पेमेंट (आंशिक भुगतान) का अधिकार भी मिल गया है ।

अधिकारी ने कहा कि ग्रामीण अंचलों में राजस्व वसूली बढ़ाने के लिये जरूरी था कि उपभोक्ता जब बिल ठीक कराने या जमा कराने बिजली कार्यालय या शिविर में जाये तो उसे बिल जमा किए बिना वापस नहीं आना पड़े और उसका काम एक बार में ही हो जाए। अवर अभियंताओं को उक्त अधिकार देने का मकसद यही था।

दरअसल, हाल ही में ”उदय योजना” की समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने यह समस्या उठायी थी । उनका कहना था कि गांव में शिविर तो लगते हैं लेकिन शिविरों या कार्यालय में सहायक इंजीनियर (एसडीओ) नहीं होने से अकसर उपभोक्ता को दिक्कतें पेश आती हैं।

कॉरपोरेशन ने निर्देश दिया कि सभी प्रबन्ध निदेशक और मुख्य इंजीनियर अपने तहत आने वाले क्षेत्रों में उक्त व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू करायें ताकि उपभोक्ताओं को आगे और परेशानी ना होने पाये ।

इस बीच एक अन्य घटनाक्रम में प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि केवल 20 महीने में प्रदेश के पांच लाख से अधिक घरों को रौशनी की सौगात देकर अंधेरे से मुक्त किया गया है।