‘तलाक, तलाक, तलाक….कहकर अपनी जिम्मेदारी से पिंड छुड़ाने वाले वास्तव में मुसलमान नहीं हैं। इस्लाम में तलाक को लेकर स्पष्ट नियम हैं, जिन्हें अपने हिसाब से तब्दील कर निकाह जैसे रिश्ते को बदनाम किया जा रहा है। मौजूदा स्वरूप का तीन तलाक वैध है या अवैध, इसका फैसला कभी भी आए लेकिन मैं इसे मानने को तैयार नहीं हूं। तमाम उचित-अनुचित मांगें पूरी करने के बावजूद शौहर सुधरने को तैयार नहीं है, तो अब मैं भी उससे दो-दो हाथ करने को तैयार हूं। इसके लिए कोर्ट, कचहरी, पुलिस थाने कहीं भी जाऊंगी लेकिन जुबान से निकले तीन शब्दों को अपनी जिंदगी बर्बाद करने की इजाजत नहीं दूंगी’। नोएडा के गढ़ी चौखंडी गांव में रहने वाली 24 साल की सबीना (बदला हुआ नाम) ने बात शुरू करते ही गुस्से में ये बातें कहीं। इस मामले में सबीना के परिजन भी पूरी तरह से उसके साथ खड़े हैं। उनका कहना है कि शौहर जिस तरह से तीन बार तलाक कहकर अपना पिंड छुड़ाना चाह रहा है, उसके इरादे पूरे नहीं होने देंगे। सबीना को इंसाफ दिलाने के लिए वे हर लड़ाई को तैयार हैं। निकाह में खर्च हुई रकम वापस लेकर उसका दूसरी जगह निकाह कराएंगे।
सेक्टर-39 स्थित नोएडा महिला थाने में सबीना ने थाने में बगैर किसी संकोच या घबराहट के पूरी मजबूती के साथ अपनी बात बताई।
गाजियाबाद के एक कॉलेज से बीए कर चुकी सबीना को मां-बाप ने अपने संसाधनों के हिसाब से बेहतर परवरिश दी। मई 2016 में उसकी शादी दिल्ली के करावल नगर इलाके में रहने वाले 27 साल के खालिद (बदला हुआ नाम) से हुई। पढ़ी-लिखी सबीना को निकाह के बाद से किसी न किसी बात पर ससुराल में परेशान किया जाने लगा। 5-6 महीने बाद मामला बढ़ने पर सबीना मायके लौट आई। सबीना के परिजनों ने खालिद के घर पहुंच कर समझौता कराया। जिसमें निकाह के दौरान मौजूद गवाहों के अलावा दोनों परिवारों के सदस्य शामिल थे। कुछ दिनों बाद हालात फिर से पुराने ढर्रे पर लौट आए। सबीना के परिजनों ने बताया कि परेशान करने के लिए उस पर बहुत ही गंदे आरोप लगाए गए। मार्च में सबीना फिर मायके आ गई। सबीना ने बताया कि होली से 2-3 दिन पहले खालिद ने फोन पर ही तलाक कहा…। लेकिन उसके एक बार तलाक कहने पर ही उसने फोन काट दिया। उसके बाद सबीना के वालिद ने जब खालिद को फोन किया, तो उसने तलाक हो गया है, कहकर काट दिया। नाजों से पली सबीना के परिजनों ने कई महीनों तक आपसी सुलहनामे या पंचायत के जरिए समाधान कराने की कोशिश की। सारी कोशिश नाकाम होने पर सबीना ने महिला थाने में शिकायत देकर इंसाफ की मांग की है।
दिल्ली के जाफराबाद में रहने वाले सबीना के जीजा ने बताया कि खालिद के परिवार वाले लालची और गंदे ख्यालात के लोग हैं। खालिद और उसके वालिद मोटरसाइकिल पर कपड़े की फेरी लगाते हैं। जबकि निकाह से पहले आॅनलाइन कपड़ों के कारोबार का काम बताया था। आखिरी बार जब पंचायत के बाद सबीना अपने शौहर के घर गई थी, तब भी 5 लाख रुपए दुकान खोलने के लिए दिए थे। गंदे आरोपों और दहेज की मांग से त्रस्त हो चुकी सबीना अब खालिद के साथ रहना नहीं चाहती है। निकाह में खर्च हुए करीब 10 लाख रुपए दिलाने को लेकर महिला थाने में मामला दर्ज कराया है। सबीना किसी भी हाल में खालिद के साथ रहने को तैयार नहीं है इसलिए हलाला का मसला ही नहीं उठता है। रकम मिलने पर खालिद से तलाक लेकर उसका दूसरी जगह निकाह कराएंगे।जामा मस्जिद सेक्टर-8 नोएडा के मौलाना फजलुर्रहमान ने कहा कि शरीयत में तीन तलाक को लेकर सब कुछ साफ है। अलबत्ता कुछ लोग अपने हिसाब से इसे तब्दील कर शरीयत को बदनाम कर रहे हैं। सबीना ने अभी केवल एक बार तलाक सुना है, लिहाजा अभी तलाक हुआ ही नहीं है। शरीयत में 1 तलाक के बाद सवा महीने का इंतजार करना जरूरी है। इस दौरान सुलह नहीं होेने पर दूसरी बार तलाक और फिर करीब सवा महीने के बाद तीसरी बार कहने पर ही तलाक मान्य है। इसमें भी दो गवाहों की मौजूदगी जरूरी है। हालांकि, महिला थाने जाने से पहले सबीना को मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड में भी शिकायत करनी चाहिए थी।