उत्तर प्रदेश में भाजपा शासन आने के बाद नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण में बदलाव और नए अधिकारियों की तैनाती को लेकर आज का दिन अहम होगा। आज राज्य के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना नोएडा प्राधिकरण पहुंचेंगे। प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों को शपथ दिलाने के बाद वे तीनों प्राधिकरणों के अधिकारियों के साथ अहम बैठक करेंगे।  माना जा रहा है कि मंत्री की ओर से पिछले 15 सालों के दौरान हुए कार्यों का ब्योरा मांगा जा सकता है। इस वजह से शनिवार और रविवार को प्राधिकरण की छुट्टी वाले दिन भी अफसरों ने काम किया। दौरे के मद्देनजर रविवार सुबह से ही प्राधिकरण के मुख्य प्रशासनिक भवन के आसपास के इलाकों को चमकाने का काम जोर-शोर से हुआ। सड़कों, नाले-नालियों के अलावा लकड़ी के खोके, दुकानों आदि को हटाया गया। सड़कों के किनारे चूना डाला गया। सपा और बसपा शासन काल में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में विकास परियोजनाओं के नाम पर हुए घोटाले खूब चर्चित रहे हैं। जमीन आवंटन, किसान कोटे के भूखंड लेने, औद्योगिक या बिल्डर भूखंड के आवंटन, नक्शा मंजूरी से लेकर ठेकेदारों को काम बांटने को लेकर अरबों रुपए के वारे-न्यारे हुए हैं। ऐसे ही कारनामों के चलते तीनों प्राधिकरण के इंजीनियर इन चीफ यादव सिंह जेल में हैं। सीबीआइ यादव सिंह मामले की जांच कर रही हैं।

यादव सिंह के अलावा भूमाफियाओं और अधिकारियों की मिली भगत से सरकार को अरबों रुपए के राजस्व को चूना लगाने संबंधी बड़ी संख्या में मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं। ऐसे में अधिकारियों ने अपने आप को बेदाग या साफ-सुथरा साबित करने के लिए ज्यादातर पुरानी और प्रस्तावित विकासशील योजनाओं का ब्योरा तैयार किया है। इस वजह से वर्षों में धूल फांक रही कई अहम परियोजनाओं की फाइलें दोबारा अधिकारियों की निगाहों में आई हैं। जानकारों का मानना है कि प्राधिकरण में प्रति नियुक्ति पर आने वाले तकरीबन सभी उच्चाधिकारियों का तबादला होना तय है। हालांकि नोएडा विधायक पंकज सिंह ने नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों और इंजीनियरों का प्रदेश के अन्य प्राधिकरणों में तबादला किए जाने की मांग ने हड़कंप मचा दिया है क्योंकि नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में स्थायी तैनाती पाने वालों का अभी तक स्थानांतरण नहीं होता था। कोई भी सरकार हो या वे कैसे भी काम करें, उन्हें कहीं भेजे जाने का डर नहीं होता था।

लोगों का मानना है कि योगी सरकार यदि नोएडा आदि प्राधिकरणों के अधिकारियों को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित करने का यदि निर्णय लेती है तो इससे भ्रष्टाचार में कमी और गुणवत्ता में सुधार होगा। अधिकारियों के अलावा इलाके में किसानों और फ्लैट खरीदारों की दिक्कतों को लेकर भी मंत्री के संभावित सवालों के जवाब भी अधिकारियों ने तैयार किए हैं।