माफिया सरगना मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की खातिरदारी करना बांदा जेल (Banda Jail) अधिकारियों को महंगा पड़ गया। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) को इसकी खबर मिली तो एक्शन लेते हुए डिप्टी जेलर समेत 5 जेल कर्मियों को सस्पेंड कर दिया।

मंगलवार (7 जून, 2022) को औचक निरीक्षण में मुख्तार अंसारी की बैरक से दशहरी आम, कीवी समेत तमाम ऐसी चीजें मिली हैं, जो जेल के मैनुअल में शामिल नहीं है। इससे पता चलता है कि मुख्तार अंसारी को जेल में वीवीआईपी ट्रीटमेंट (VVIP Treatment) मिल रहा था, जिसकी वजह से जेल कर्मियों पर योगी सरकार की गाज गिरी है।

कल रात डीएम और एसपी अचानक निरीक्षण करने बांदा जेल पहुंचे। इस दौरान उन्हें जेल के बाहर 15 मिनट इंतजार करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें कुछ गड़बड़ी होने का शक हुआ। इसके बाद, ताला खुलते ही दोनों अधिकारियों ने जेल कैंपस का बारिकी से निरीक्षण करना शुरू कर दिया।

निरीक्षण करते हुए जब दोनों अधिकारी मुख्तार अंसारी की बैरक में पहुंचे, तो वहां बड़ी संख्या में दशहरी आम, कीवी सहित कुछ अन्य सामान मिले, जो जेल मैनुअल में शामिल नहीं हैं। इतनी बड़ी संख्या में इन सामानों का मुख्तार की बैरक में मिलना इस ओर इशारा करता है कि उन्हें बांदा जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था।

इतना ही नहीं, मुख्तार की तन्हाई बैरक में सुरक्षा में लगे जेल कर्मी बिना बॉडीकैम के थे। बता दें कि मुख्तार की सुरक्षा में लगे सभी सुरक्षाकर्मियों को बॉडी कैम के साथ तैनात होना होता है, लेकिन उनका बॉडीकैम गायब था।

इसके बाद, डिप्टी जेलर से डीएम और एसपी ने पूछताछ की तो गोलमोल जवाब मिला। “आज तक” के मुताबिक, गेट खोलने में देरी का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि वह छुट्टी पर थे और अभी पहुंचे हैं इसलिए चाबी जेलर के पास थी। इस कारण गेट खोलने में देरी हो गई। वहीं, मुख्तार की बैरक में मिले सामान को लेकर डिप्टी जेलर का कहना है कि सामान तो परिवार के लोग भी देकर जाते हैं, जो बंदियों तक सुरक्षित पहुंचाया जाता है।