सवा अरब की आबादी और 83 करोड़ से भी अधिक मतदाता। फिर भी बहुत आसानी से चुनाव हो जाता है दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में। भारत में चुनाव कराने में आयोग टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर भी खासा जोर दे रहा है। दुनिया के दूसरे देश भी भारतीय चुनाव प्रक्रिया से सीखने को उत्सुक हैं। इसी के तहत यूरोप के देश बोस्निया ने भारत के चुनाव आयोग से करार किया। जिसके तहत दोनों देशों के अफसर एक दूसरे के यहां की चुनाव प्रक्रिया का अध्ययन करेंगे। इसी सिलसिले में भारत से पांच आईएएस अफसरों की टीम बोस्निया मे जाकर वहां इलेक्शन मैनेजमेंट पर प्रजेंटेशन और ट्रेनिंग दे रही है। इस टीम का नेतृत्व रिटायर्ड आईएएस अफसर और चुनाव आयोग के सलाहकार नूर मोहम्मद कर रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश से सिर्फ एकमात्र आईएएस अफसर और आगरा के डीएम गौरव दयाल प्रतिनिधित्व कर रहे।
बोस्निया गई टीम ने वहां के केंद्रीय चुनाव आयोग के अफसरों के समक्ष भारत में इलेक्टोरल मैनेजमेंट, एडमिनिस्ट्रेशन, ईवीएम, वीवीपैट का प्रयोग, मतदाता सूची निर्माण आदि का प्रजेंटेशन दिया है। आगरा के डीएम गौरव दयाल ने बोस्निया के निर्वाचन अधिकारियों को बताया कि कैसे टेक्नॉलजी के अधिक से अधिक इस्तेमाल से जटिल चुनाव प्रक्रिया भी आसान और पारदर्शी हो जाती है। उन्होंने साफ्टवेयर से चुनाव कर्मियों की ड्यूटी से लेकर मतदाता सूची बनाने, पोलिंग सेंटर्स का मानचित्र तैयार करने से लेकर स्ट्रेटजिक एंड आपरेशनल प्लान और रिस्क मैनेजमेंट के बारे में जानकारी दी।
इन जानकारियों को चुनाव प्रक्रिया के लिहाजा से बोस्निया के अफसरों ने काफी उपयोगी माना। वहीं बोस्निया के अफसर यह देखकर हैरान रहे कि करोड़ों मतदाताओं वाले देश में कैसे आसानी से चुनाव होते हैं और पारदर्शिता का भी ख्याल रखा जाता है। भारत से गए अफसरों ने बताया कि दौरान राजनीतिक दलों और जनता के बीच मतदान और मतगणना की पूरी प्रक्रिया भरोसेमंद बनाए रखने के लिए हरसंभव कोशिश होती है। मतदान शुरू होने से पहले मॉक पोल आदि की व्यवस्था होती है।
बता दें कि बोस्निया दक्षिण पूर्व यूरोप में बाल्कन प्रायद्वीप पर बसा एक छोटा देश है। बोस्निया का नाम वहां बहने वाली बोसना नदी के नाम पड़ा है। वर्ष 1992 से 1995 के बीच यह छोटा सा देश गृहयुद्ध की आग में झुलसता रहा। उस दौरान करीब आठ हजार लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। बोस्निया युद्ध पर आधारित जोली की एक फ़िल्म ‘द लैंड ऑफ़ ब्लड एंड हनी’ ने दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। बोस्निया के पूर्व में सर्बिया, उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में क्रोएशिया, और दक्षिण में मोंटेनेग्रो स्थित है। देश के दक्षिणी सिरे पर स्थित छोटा हर्ज़ेगोविना भूमध्यसागरीय जलवायु और स्थलाकृति वाला है। बोस्निया और हर्जेगोविना में प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन हैं। इसकी राजधानी सरायेवो है।
