प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के करीबी और एमएलसी चुनाव लड़ रहे अक्षय प्रताप सिंह को फर्जी पते पर हथियार का लाइसेंस लेने के मामले में अदालत ने बुधवार को सात सात की सजा सुनाई है। अक्षय प्रताप सिंह को फर्जी पते पर हथियार का लाइसेंस लेने के मामले में 15 मार्च को दोषी करार दिया गया था। पुलिस ने मंगलवार को पूर्व एमएलसी को कस्टडी में लेकर जेल भेज दिया था।

एमपी/एमएलए एफटीसी कोर्ट ने अक्षय प्रताप सिंह पर 10 हजार रु का अर्थ दंड भी लगाया है। बुधवार को अदालत परिसर में अक्षय प्रताप सिंह के समर्थकों का जमावड़ा लगा हुआ था। वहीं, भारी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर मौजूद था। अक्षय प्रताप सिंह को हुई सजा को राजा भैया के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अक्षय प्रताप राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) से चुनाव लड़ रहे थे और उन्होंने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था।

तीन बार के एमएलसी और पूर्व सांसद अक्षय प्रताप सिंह की इलाके में अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है। वहीं, उनको अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद उनके चुनाव लड़ने पर भी ग्रहण लग सकता है।

साल 1997 में अक्षय प्रताप सिंह पर फर्जी पते पर हथियार का लाइसेंस बनवाने के मामले में केस दर्ज हुआ था। आरोप था कि गोपालजी ने प्रतापगढ़ के फर्जी पते पर हथियार का लाइसेंस प्राप्त किया था। जबकि अक्षय प्रताप सिंह अमेठी के जामो के रहने वाले हैं। इस मामले में कोर्ट ने अक्षय प्रताप सिंह को सात साल की सजा सुनाई है।

मंगलवार को सजा के ऐलान के लिए कोर्ट ने तारीख तय की थी और अक्षय प्रताप को कोर्ट में मौजूद होने के आदेश दिए थे। मंगलवार को अक्षय प्रताप सिंह अपने वकील के साथ कोर्ट में हाजिर हुए। वहीं, कार्यवाही शुरू होते ही उनके वकील ने अदालत से हाईकोर्ट की रूलिंग का हवाला देकर प्रार्थना पत्र के निस्तारण का अनुरोध किया लेकिन कोर्ट ने इस मामले में राहत देने से इनकार करते हुए अक्षय प्रताप सिंह को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।