उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में दो दिन पहले कथित तौर पर ‘जय श्रीराम’ नहीं बोलने पर आग के हवाले किए गए 17 वर्षीय किशोर की मंगलवार को मौत हो गई। सैय्यद राजा क्षेत्र निवासी मोहम्मद खालिद ने आरोप लगाया था कि ‘जय श्रीराम’ नहीं बोलने की वजह से रविवार को चार लोगों ने उसके ऊपर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दी। हालांकि पुलिस ने इस आरोप से इनकार किया।

पुलिस ने बताया कि खालिद 50 फीसदी जल गया था और उसे एक निकटतम अस्पताल में भर्ती किया गया था। बाद में उसे वाराणसी के एक सरकारी अस्पताल भेज दिया गया। मंगलवार की सुबह उसकी मौत हो गई। मृतक के पिता ने भी आरोप लगाया कि ‘जय श्रीराम’ नहीं बोलने की वजह से उसके बेटे को आग के हवाले कर दिया गया।

चंदौली के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने हालांकि इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि किशोर तीन बार अपना बयान बदल चुका था। सिंह ने कहा, ‘‘ जब पुलिस ने जिला अस्पताल में बयान दर्ज किया तो उसने परस्पर विरोधी बयान दिए। उसने अलग-अलग लोगों को अलग-अलग जवाब दिया।’’ उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि उसे ध्यान खींचने के वास्ते यह बोलने को सिखाया गया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की है और जांच जारी है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ लोगों ने कथित तौर से 17 साल के खालिद को बीते रविवार (28 जुलाई, 2019) की रात ‘जय श्री राम’ नहीं बोलने पर जिंदा आग के हवाले कर दिया। घटना के बाद नाबालिग को वाराणसी स्थित कबीर चौरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस वक्त अस्पताल में युवक ने कहा था कि ‘जय श्री राम’ नहीं बोलने पर उसकी यह हालत ऐसी कर दी गई। युवक ने कहा था कि ‘मैं दुधारी पुल पर टहल रहा था तब ही चार लोगों ने मेरा अपहरण कर लिया। इनमें से दो लोगों ने मेरे हाथ बांध दिए और तीसरे शख्स ने मेरे ऊपर केरोसिन डाल दिया। इसके बाद इन चारों ने मिलकर मुझे आग में झोंक कर भाग गए।’