आतंकी धमकी के मद्देनजर सोमवार से शुरू हो रहे कांवड़ यात्रा के लिए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए हैं। जिला पुलिस के साथ आतंकवाद निरोधक दस्ता, खोजी कुत्ते, पीसीआर, महिला व पुरुष कमांडो और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ‘पराक्रम’, सिविल डिफेंस के कार्यकर्ताओं के साथ अवरोधक लगाकर संदिग्ध रास्ते पर तैनाती बढ़ा दी गई है। पुलिस के करीब 15 हजार जवानों और अधिकारियोें के साथ दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम और सामाजिक संगठनों के साथ अंतरराज्यीय स्तर पर आइजी स्तर के आला अधिकारियों ने बैठक कर असामाजिक तत्वों की किसी भी योजना को नाकाम करने की तैयारी कर ली गई है। दिल्ली की सड़कों के किनारे लगे सरकारी और स्वंयसेवी संस्थाओं की कांवड़ समितियों से कहा गया है कि वे सीसीटीवी लगाने के बाद संदिग्ध चीजों का पता चलने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
वैकल्पिक मार्ग की होगी व्यवस्था
दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों के रास्ते सोमवार से बंद कर दिए जाएंगे। इन रास्तों पर कांवड़ियों का जमावड़ा होगा। आम लोगों को वैकल्पिक मार्ग बताने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। कावडिंयों में महिलाओं की संख्या भी अब बढ़ने लगी है। लिहाजा प्रशासन की ओर से और ज्यादा पुख्ता तैयारियां की जा रही है। बार्डर इलाके में महिला कमांडो को भी जरूरत पड़ने पर सख्ती बरतने के निर्देश देकर सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों से कांवड़िए दिल्ली से होकर गुजरते हैं। हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गंतव्य तक जाने वाले कांवड़िए मुख्य रूप से दिल्ली के उत्तरी, पूर्वी और उत्तर-पूर्वी जिले और दक्षिणी, दक्षिणी पश्चिमी के रास्ते निकलते हैं। उन्हें रात होने या थकान होने पर आराम की जरूरत होती है। लिहाजा दिल्ली सरकार ने सरकारी कांवड़ शिविर लगाकर उसे तमाम सुविधाओं से लैस किया है। दिल्ली में दो साल पहले तक 129 शिविर सरकार के स्तर पर बनाए गए थे। इसमें अब बढ़ोतरी हुई है।
एंबुलेंस से लेकर कमांडो तक होंगे तैनात
कैट्स एंबुलेंस की व्यवस्था भी जगह-जगह तैनात की गई है। दिल्ली पुलिस ने हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश पुलिस से मिलकर रास्ता पहचानने, वहां मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था कराने के लिए शिविर प्रबंधन समितियों से हाथ मिलाया है। कमांडो से लैस पराक्रम पहले ही संदिग्ध इलाके में तैनात हैं। भीड़ को देखते हुए कांवड़ शिविरों के आसपास भी पराक्रम की नजर रहेगी। पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) की उपायुक्त मोनिका भारद्वाज ने बताया कि हमारी सभी 850 गाड़ियां सड़क पर तैनात हैं। गश्त के साथ उन जगहों पर विशेष चौकसी बरती जा रही है जहां कांवड़ शिविर बनाए गए हैं। जहां बड़ा शिविर है वहां विशेष रूप से पीसीआर की गाड़ियां तैनात रहेगी। जबकि पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ओमवीर सिंह ने बताया कि पूर्वी दिल्ली के सभी 18 शिविरों के आसपास जिले के छह सौ पुलिस वालों के साथ खोजी कुत्ते भी लगाए गए हैं। कांवड़ यात्रा में आरडब्लूए की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। इसके साथ ही राजनेताओं ने अपने-अपने इलाके में शिविर अलग से लगाकर हिंदू-मुस्लिम एकता का उदाहरण भी देने की कोशिश करते हैं।
