फेक न्यूज और इसके प्रसार से पैदा हो रही कानून व्यवस्था की समस्या को यूपी सरकार ने गंभीरता से लिया है। फेक न्यूज की समस्या से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस लगभग 4 लाख ‘सायबर सिपाही’ तैयार करने जा रही है। गुरुवार को यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि राज्य के 1469 थानों में से प्रत्येक थाने से 250 वोलंटियर्स फेक न्यूज का खात्मा करने के लिए काम करेंगे। यूपी पुलिस इस डिजिटल आर्मी के जरिए फेक न्यूज, अफवाह और लोगों को बरगलाने की कोशिश पर काबू पाने का दावा कर रही है। यूपी डीजीपी ने कहा, “इससे सोशल मीडिया पर असामाजिक तत्वों द्वारा फेक न्यूज फैलाने की चाल को जवाब मिलेगा, इस प्लान की शुरुआत देश में फेक न्यूज की वजह से बेगुनाहों की हत्या, कानून-व्यवस्था की बढ़ती दिक्कतों को देखते हुए किया गया है।” बता दें कि झूठे वीडियो और बच्चा चोरी को अफवाहों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर फैलाने की वजह से लगभग आठ राज्यों में हत्याएं हो चुकी है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में कहा था कि केन्द्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को भी इस पर लगाम लगाने के लिए लिखा है।

19 जुलाई को यूपी पुलिस ने अपने वेबसाइट पर “डिजिटल वालंटियर फॉर्म” को अपलोड किया है। डिजिटल वालंटियर के चयन के लिए राज्य के सभी जिलों में एसपी अथवा एसएसपी की अध्यक्षता में चयन कमेटी का गठन किया गया है। चयन समिति में एडिशनल एसपी, सर्किल ऑफिसर, और थाने के एसएचओ भी शामिल रहेंगे। डीजीपी के मुताबिक वालंटियर्स की छवि स्वच्छ होनी चाहिए, वो अपने समुदाय का सम्मानित और प्रभावशाली और शांति का समर्थक व्यक्ति होना चाहिए। यूपी पुलिस के मुताबिक वालंटियर्स में हर गांव, मोहल्ला और स्थानीय जगहों से दो-दो व्यक्ति लिए जाएंगे।

यूपी पुलिस ने साफ किया है कि इन वालंटियर्स को किसी तरह का भुगतान नहीं किया जाएगा। सरकार की योजना है कि स्कूल प्रिंसिपल, शिक्षक, रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी, पुलिस पेंशनर्स, वर्तमान और पूर्व विधायक, पत्रकार, एक्टिविस्ट, ग्राम पंचायत प्रधानों को इसका सदस्य बनाया जाए। इस नेटवर्क के बारे में जानकारी देते हुए डीजीपी ने कहा कि हर पुलिस स्टेशन एक अपना ग्रुप बनाएगा, ये ग्रुप जिले के अधिकारियों से जुड़ा होगा, इसके बाद ये ग्रुप डीजीपी मुख्यालय से मॉनिटर होगा।