उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने के आदेश के बाद भी हमलावरों के हौसले पस्ते होते हुए नहीं दिख रहे हैं। गुरुवार को गैंगरेप और एसिड अटैक पीड़िता पर बदमाशों ने हमला कर दिया और उसे एसिड पीने पर मजबूर किया। इस मामले के सामने आने के बाद योगी आदित्य नाथ ने 24 मार्च को पीड़िता से मुलाकात की और एक लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया। वहीं, इलाज के लिए लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती गैंगरेप और एसिड अटैक पीड़िता के साथ पुलिस द्वारा असंवेदनशीलता बरतने का मामला सामने आया है। पीड़िता की सुरक्षा में तैनात महिला पुलिसकर्मी आईसीयू में सेल्फी ले रही थी। इस घटना की फोटो सामने आने के बाद तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

क्या है मामला?
महिला के साथ रायबरेली में 2008 में कुछ बदमाशों ने गैंगरेप किया था और एसिड भी फेंका था। पुलिस ने इस केस में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस दौरान ये महिला बच गई थी और 8 साल से इंसाफ के लिए लड़ रही है। इस बीच महिला पर केस वापस लेने के लिए लगातार धमकियां मिल रही थी, लेकिन पीड़िता ने इंसाफ के लिए अपना संघर्ष जारी रखा। गुरुवार (23 मार्च) को बदमाशों ने महिला पर फिर हमला किया और उसे एसिड पीने को मजबूर किया। हमले के वक़्त महिला ट्रेन में थी और ऊंचाहार से अपने बच्चों से मिलकर वापस आ रही थी। तभी ट्रेन में ही बदमाशों ने उस पर हमला कर दिया। पीड़िता चारबाग रेलवे स्टेशन पर गंभीर हालत में लड़खड़ाते हुए मिली थी। इस घटना के बाद से महिला की हालत गंभीर बनी हुई है और KJMU के ट्रामा सेंटर में उसका इलाज चल रहा है।

सीएम योगी आदित्य नाथ ने की मुलाकात
मामले के सामने आने के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ और महिला कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने शुक्रवार को पीड़िता से अस्पताल में मुलाकात की। योगी ने महिला और उसके परिवार को इंसाफ का भरोसा दिलाया। सीएम से मुलाकात के बाद पीड़ित के परिवार में न्याय की आस बंधी है। पीडिता के पति ने बताया कि, ‘ये अच्छा है कि सीएम ने हमलोगों से मुलाकात की है, लेकिन हम चाहते हैं कि आरोपी जल्द से जल्द पकड़े जाएं।’ पीड़िता के पति ने कहा कि गरीब होने के बावजूद मैं 8 सालों से केस लड़ रहा हूं ताकि मैं अपने पत्नी को इंसाफ दिला सकूं। ये महिला एसिड हमले के पीडितों द्वारा चलाये जा रहे एक कैफे में काम करती है।