पिछले 2-3 महीने से दस के सिक्कों को लेकर यूपी समेत देश के अन्य राज्यों  में कई तरह की अफवाहें फैल रही है। कुछ लोग कहते हैं कि दस के सिक्के बंद होने वाले हैं तो कुछ का मानना है कि दस के सिक्के नकली हैं। मेसेजिंग एप व्हाट्सएप पर ऐसी अफवाहें लंबे अर्से से चल रही हैं। इन मेसेज में यह दावा किया गया है कि दस के सिक्के रिजर्व वैंक की तरफ से बंद कर दिए गए हैं। यूपी के पीलीभीत के जिला न्यायाधीश ने यह आदेश दिया है कि यदि कोई दस का सिक्का लेने से इंकार करता है तो उस पर देशद्रोह का केस चल सकता है। जिला न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि 10 का सिक्का एक राष्ट्रीय करेंसी है और इसे लेने से इंकार करने का अधिकार किसी नागरिक के पास नहीं हैं। भारतीय सरकार सिक्के की कीमत अदा करने का वचन देती है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक यदि कोई राष्ट्रीय करेंसी को लेने से इंकार करता है तो वो IPC की धारा 124A(देशद्रोह) के तहत सजा का हकदार है। पिछले कुछ समय से यूपी समेत देश के कई हिस्सों में इन अफवाहों के चलते लोगों ने सिक्के लेने बंद कर दिए हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से इस मामले पर सफाई भी दी गई। बैंक ने साफ शब्दों में कहा था कि दस के सिक्के न ही बंद हो रहे हैं और न ही नकली हैं। इसके बावजूद लोगों में दस के सिक्के को लेकर असमंजस की स्थिति है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यह भी कहा था कि अगर कोई दस का सिक्का लेने से इंकार करता है तो वह सजा का हकदार है। आपको बता दें कि साल 2010 से दस का सिक्का चलन में है पर पिछले कुछ समय से फैल रही अफवाहों के चलते लोगों ने इसे लेने से इंकार करना शुरु कर दिया गया है।