यूपी चुनाव को लेकर कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी खाट सभा के जरिए किसानों से सीधे संवाद स्थापित कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर उनकी सभा से खाट लूटी जा रही है। सबसे पहले देवरिया और हाल ही में मिर्जापुर में सभा में खाट लूट की घटना सामने आई। देवरिया में आयोजित हुई पहली खाट सभा राहुल गांधी की अब तक की सबसे चर्चित खाट सभा रही। सभा खत्म होने के बाद यहां खाट को लेकर लूट मच गई। खाट को स्थानीय लोग घर लेकर चले गए। इस दौरान लोगों में झड़प भी हुई। इंडियन एक्सप्रेस की Maulshree Seth देवरिया पहुंचीं और उन लोगों से बात की जिनके पास खाट मौजूद है। साथ ही यह जानने की कोशिश कि वे लोग खाट का कैसे इस्तेमाल कर रहे हैं।

कुसुमा कुमारी (गांव- एकला मुशरुबा):- कुसुमा के परिवार में पति और तीन बच्चे हैं। उनके पति पेशे से रिक्शा चालक हैं और प्रतिदिन 150-200 रुपए कमाते हैं। खाट सभा से लूटी गई खटिया उनके घर की दीवार के साथ लगती हुई खड़ी रहती है, सिर्फ रात के समय सोने के लिए या किसी मेहमान के आने पर ही इसका इस्तेमाल होता है। कुसुमा ने मुस्कुराते हुए बताया कि उनके यहां एक पुरानी खाट थी, जिसपर उनके पति और बच्चे सोते थे। लेकिन अब हम सब खाट पर सोते हैं। कुसुमा ने बताया कि खाटिया लाने पर उनके पति ने उन्हें डांटा भी। (Express Photo)
किशन राजभर (गांव- अमाउनी खास)- सभा से खाट लाने वाले 15 साल के किशन के घर में माता-पिता समेत कुल 5 लोग हैं। किशन राहुल की सभा से टूटी हुई खाट लेकर घर आए थे लेकिन उनकी मां ने तख्ता लगाकर खाट को ठीक किया। अब नई खाट का इस्तेमाल किशन की पढ़ाई और सोने के लिए होता है। उनके घर में ज्यादा जगह नहीं होने से खाट बाहर ही पड़ी रहती है। किशन बताते हैं कि खाट लाने पर उनके पिता ने बुरी तरह से फटकार लगाई थी। (Express Photo)
शकीना बानो (गांव- जफराबाद कुटिया):- शकीना बानो के घर में खाट घर के बीच में पड़ी रहती है। नई खाट आने के बाद उन्होंने पुरानी खाट को कोने में रख दिया है अब उस पर कपड़े का ढेर पड़ा रहता है। हालांकि उनके पति पुरानी खटिया पर ही सोते हैं और शकीना अपने बेटे के साथ नई खटिया पर सोती हैं। (Express Photo)
रामनाथ (गांव- एकला मुशरुबा):- 85 साल के रामनाथ भी राहुल गांधी की सभा से खाट लेकर आए थे। रामनाथ इस खाट पर किसी को भी नहीं बैठने थे, इसके लिए उन्होंने कुछ नियम भी बनाए हुए हैं। अगर उनका मूड ठीक है तो उनके ग्रैंड चिल्ड्रेंस (पोता-पोटी) में से एक उनके साथ इस खटिया का इस्तेमाल कर सकता है। इस पर सोने की तो इजाजत है लेकिन उछल-कूद की सख्त मनाई है। (Express Photo)
सोनू मधेशिया (गांव- खोरमा):- मिठाई की दुकान चलाने वाले सोनू मधेशिया कहते हैं अब वो और उनका परिवार बिना किसी डर के सो सकता है। दरअसल जमीन पर लेटने से सांप और अन्य कीड़ों के काटने का डर लगा रहता है खासकर बारिश में। उन्होंने बताया कि नई खाट पर उनका परिवार सोता है और दूसरी पर वो सोते हैं। (Express Photo)
बलई पासवान (गांव- जफराबाद कुटिया):- 75 साल के बलई पासवान के हाथ भी कांग्रेस की खाट लगी। नई खाट आने के बाद से वह उस पर सोते हैं। पहले उनकी बहू और उसके बच्चे खाट पर सोते थे और वो ज्यादातर जमीन पर ही सो जाया करते थे। बलई के सिर्फ एक पोते को खाट पर सोने और बैठने का अधिकार है। उनके दूसरे ग्रैंड चिल्ड्रेन और बहू घर के अंदर सोते हैं। (Express Photo)