पिछले साल उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार ने अयोध्या के सरयू तट पर भगवान राम की 221 मीटर ऊंची मूर्ति स्थापित कराने का निर्णय लिया। बताया कि मूर्ति गुजरात में सरदार पटेल की स्टेच्यू ऑफ यूनिटी से भी ऊंची होगी। हालांकि योगी सरकार की यह महत्वकांक्षी योजना मुश्किल में पड़ती नजर आ रही है। चूंकि मूर्ति निर्माण के लिए कुछ स्थानीय लोगों ने अपनी जमीनों का अधिग्रहण देने से इनकार कर दिया है। इनका कहना है कि मूर्ति निर्माण के लिए वो अपनी जमीन नहीं देंगे और सरकार इसके लिए उन्हें मजबूर ना करे। लोगों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण के बदले में योगी सरकार उन्हें सही मुआवजा नहीं दे रही है।

मामले में एक न्यूज चैनल से स्थानीय शख्स ने कहा कि लोग चाहते हैं कि मूर्ति निर्माण हो। उन्हें कोई एतराज नहीं है, मगर इसके लिए उन्हें ना उजाड़ा जाए। शख्स ने कहा, ‘हमने बड़ी मेहनत से जमीन और घर बनाया। रहने के लिए किसी तरह व्यवस्था की। अब अगर हमें उजाड़ दिया जाएगा तो हम कहां जाएंगे। इसलिए हमें ना उजाड़ा जाए।’

एक अन्य शख्स ने कहा कि मूर्ति निर्माण के खिलाफ जनवरी से प्रदर्शन जारी है। शख्स ने कहा, ‘हमें बताया नहीं गया। अंधेरे में रखकर हमारी जमीनें नापी गईं। कहा गया कि यहां सड़के बनेंगी। फिर पांच जून को अधिसूचना जारी कर बताया गया कि किन लोगों की जमीनें ली जाएंगी। इसमें भी खूब घोटाया हुआ। जमीनें कम करके आंकी गई।’

शख्स के मुताबिक, ‘सरकार ने हमें अभी तक अंधेरे में रखा। अब बताया जा रहा है कि हमारी जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है। बाद में अधिकारी फिर जमीन नापने आए तो हमने इनकार कर दिया। हम अपनी जमीनें नहीं देंगे।’

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