राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सिफारिश की है कि उत्तर प्रदेश सरकार जिम ट्रेनर जितेंद्र यादव को राहत के रूप में 5 लाख रुपये का भुगतान करे। जितेंद्र यादव को फरवरी में नोएडा में “फर्जी मुठभेड़” में पुलिस ने गोली मार दी थी। आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव से 6 सप्ताह के भीतर भुगतान के सबूत के साथ अनुपालन रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है। घटना के बारे में मीडिया रिपोर्टों के आधार पर कमीशन ने 5 फरवरी को मामला दर्ज करने के बाद आदेश दिया। एनएचआरसी के मुताबिक, पूछताछ और उसके नोटिस के जवाब के दौरान, यूपी सरकार ने यह सूचित किया कि पुलिस कर्मियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को प्रमाणित किया गया था और इस मामले में उप-निरीक्षक के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था। आयोग को बताया कि “उप-निरीक्षक और दो कांस्टेबल समेत बाकी तीन आरोपी पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।”

आपको बता दें कि सेक्टर-122 फेज 3 में तैनात दरोगा विजय दर्शन ने पर्थला खंजरपुर निवासी जिम ट्रेनर जितेंद्र यादव को गोली मार दी थी। जितेंद्र की जान तो बच गई, लेकिन वह कोई काम करने लायक नहीं रहे। पुलिस ने आरोपी दरोगा विजय दर्शन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। चार फरवरी की रात को जितेंद्र एक शादी से अपने घर लौट रहे थे कि सब-इंस्पेक्टर विजय दर्शन शर्मा ने उन पर कथित तौर पर प्रमोशन और वाहवाही के लिए गोली चलाकर इसे एनकाउंटर का नाम दे दिया। यादव अपनी टांग नहीं उठा पाते हैं। उनके लिए ये बहुत मुश्किल वक्त है क्योंकि उन्होंने बॉडी बिल्डिंग में कई इनाम जीते हैं, वो मिस्टर उत्तराखंड भी रह चुके हैं।

इस मामले में पीड़ित जितेंद्र के परिवार का आरोप था कि रात में नोएडा पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर करने की कोशिश थी। बता दें कि जितेंद्र पर्थला गांव में जिम चलाते थे। उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड भी नहीं है। पुलिस की गोली जितेंद्र के गले में लगी थी और रीढ़ की हड्डी में अटक गई थी। इस मामले में एसएसपी लव कुमार ने कहा था कि, पुलिसकर्मी और जितेंद्र के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी, इसी दौरान सब-इंस्पेक्टर ने गोली मार दी।