अयोध्या में कारसेवकों पर गोलियां चलवाने को देशहित में जायज ठहराने वाले सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव पर विपक्ष हमलावर है। सभी प्रमुख पार्टियों ने इस मामले पर यादव को अपने-अपने ढंग से घेरने की कोशिश की है। भाजपा के प्रान्तीय महासचिव विजय बहादुर पाठक ने कहा ‘पहले तो मुलायम ने कहा कि उन्हें वर्ष 1990 अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में कारसेवकों पर गोलियां चलवाने का दुख है। अब वह कह रहे हैं कि उन्होंने देश की एकता को बचाए रखने के लिए कारसेवकों पर गोलियां चलवायी थीं और अगर उस काण्ड में 16 के बजाय 30 कारसेवकों की भी मौत होती तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।’ उन्होंने आरोप लगाया कि सपा मुखिया ने हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति की है और इस वक्त भी वह यही कर रहे हैं।

कांग्रेस के प्रान्तीय उपाध्यक्ष सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि यादव उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस पुराने मुद्दे को उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा मुखिया मुस्लिम वोट बैंक को एकजुट करने और उसकी हमदर्दी हासिल करने के लिए कारसेवकों पर गोली चलवाने का मुद्दा उठा रहे हैं। मालूम हो कि यादव ने गत 28 अगस्त को अपने जीवन पर लिखी एक किताब के विमोचन अवसर पर कहा था कि वर्ष 1990 में कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश देना देशहित में था। उस वक्त गोली चलने से 16 लोगों की मौत हो गई थी, अगर इसमें 30 लोगों की जान जाती तो भी देश की एकता के लिए उन्हें यह मंजूर होता।