उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कासगंज की घटना को सूबे के लिए कलंक बताया है। सोमवार (29 जनवरी को) महाराणा प्रताप के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर राज्यपाल ने कहा कि कासगंज की घटना किसी के लिए भी शोभादायक नहीं है। कासगंज हिंसा को शर्मनाक बताते हुए उन्होंने राज्य सरकार से कहा कि प्रशासनिक मशीनरी को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे ऐसी घटनाएं फिर से ना हो। लखनऊ के हुसैनगंज चौराहे पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद राज्यपाल राम नाईक ने कहा, ‘जो कासगंज में हुआ वो किसी को भी शोभा दायक नहीं है, वहां जो घटना हुई है यूपी के लिए कलंक के रूप में हुई है, सरकार उसकी जांच करा रही है, सरकार ऐसे कदम उठाये कि फिर से ऐसा ना हो।’ राज्यपाल ने यूपी सरकार से इस मामले की तह तक जाकर जांच के निर्देश दिये।  वहीं ताजा जानकारी के मुताबिक मृतक चंदन के परिवार वालों ने प्रशासन से मुआवजे की राशि लेने से इनकार कर दिया है। रविवार को योगी आदित्यनाथ सरकार ने चंदन के परिवार वालों को 20 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया था। चंदन के परिवार वालों का कहना है कि जबतक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती है, उन्हें मुआवजा स्वीकार नहीं है।

बता दें कि कासगंज में तीन दिन की लगातार हिंसा के बाद आज शांति है। आज कासगंज में कहीं से किसी किस्म के अप्रिय घटना की खबर नहीं है।कासंगज में हिंसा के बाद चौथे दिन अब इलाके में जिंदगी पटरी पर लौट रही है। प्रभावित इलाकों में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है। पुलिस नामजद आरोपियों के घरों पर दबिश दे रही है। इस दौरान कुछ हथियार बरामद किये गये हैं। पुलिस के मुताबिक बब्लू नाम के आरोपी के पास हथियारों की बरामदगी हुई है।  पुलिस के मुताबिक कासगंज हिंसा मामले में अब तक कुल 112 लोग गिरफ्तार किए गए हैं इनमें से 31 अभियुक्त हैं जबकि 81 अन्य को एहतियातन गिरफ्तार किया गया है। वहीं इस पूरे मामले में अब तक पांच मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें से तीन कासगंज के कोतवाल की तहरीर पर पंजीकृत हुए हैं।