उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस की कार्य संस्कृति में बदलाव के लिए अपनी सरकार की कोशिशों का रविवार (21 अक्टूबर, 2018) को जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2019 के अंत तक पुलिस में सिपाहियों की कमी लगभग दूर कर ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने ‘पुलिस स्मृति दिवस’ के अवसर पर कहा कि पुलिसर्किमयों की कार्यसंस्कृति को बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर उनके प्रशिक्षण की सुचारु व्यवस्था की जाएगी। पुलिसकर्मी भी अपने परिवार की बेहतर देखभाल कर सकेंगे, जिससे वे तनाव रहित होकर कार्य कर सकेंगे।

योगी ने कहा कि वर्ष 2019 के अंत तक सवा लाख सिपाहियों की भर्ती पूरी होने से पुलिस बल में आरक्षियों की कमी लगभग खत्म हो जाएगी। इसका सीधा फायदा जनता को होगा। साथ ही पुलिसर्किमयों को छुट्टी मिलने में होने वाली समस्याओं का भी समाधान हो सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पुलिस बल की कमी को दूर करने और उनकी कार्य कुशलता बढ़ाने के लिये भर्ती की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा रही है। इस साल 29303 पुलिस आरक्षियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनमें 5341 महिलाएं और 3828 पीएसी जवान भी शामिल हैं। इसके अलावा 42 हजार पुलिसर्किमयों की भर्ती की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस की कार्य संस्कृति बढ़ाने के लिए सरकार ने प्रोन्नतियां प्रदान करने पर विशेष बल दिया है। वर्ष 2017 में 9892 पुलिसर्किमयों को और इस साल 37575 पुलिसर्किमयों को प्रोन्नतियां प्रदान की गई, जो कि अब तक का एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपराधमुक्त एवं भ्रष्टाचारमुक्त प्रदेश बनाने के लिए गम्भीरता से कार्य शुरू किया गया है और पुलिस को कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के स्पष्ट निर्देश दिये गए हैं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कर्त्तव्य का पालन करने के दौरान शहीद होने वाले पुलिसर्किमयों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सरकार शहीद पुलिर्सिमयों के साथ सहयोग करने के लिये तत्पर रहेगी। राज्य सरकार शहीदों के परिवारों के साथ है और उनके हित में सभी आवश्यक कदम उठा रही है।