ताजमहल (Taj Mahal) को लेकर अब एक नया विवाद शुरू हो गया है। इस बार ताजमहल स्मारक के परिसर में लगी मंदिरों की तस्वीरों को लेकर आपत्ति जताई गई है। जालौन-उरई के संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ने वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि ताजमहल के अंदर फोटो गैलरी में मुगलिया इमारतों की तस्वीरों को साफ-सुथरी जगह और हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरों को शौचालय के पास लगाया गया है। उन्होंने धमकी दी है कि इन तस्वीरों को वहां से तत्काल हटाया जाए, वरना वह आमरण अनशन करेंगे।
संत रविवार (22 मई, 2022) को घूमने के लिए ताजमहल गए थे। उन्होंने कहा, “ताजमहल घूमने आया था, यहां हमारे भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति शौचालय के बाहर लगाई गई है, इसे देखकर बहुत आहत हुआ।” उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि अगर मूर्ति को वहां से नहीं हटाया गया तो, कल सुबह ताजमहल के सामने आमरण अनशन करेंगे।
उन्होंने कहा कि जितनी भी हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां परिसर के कॉरिडोर में लगी हैं, उनको तुरंत हटाया जाए। उन्होंने कहा कि इन मूर्तियों को हटवाने के लिए आमरण अनशन करेंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वहां जो कलाकृतियां और पत्थरों पर नक्काशी हैं, उनमें स्वास्तिक जैसे चिन्ह नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले अयोध्या के संत परमहंस दास के तामहल को तेजोमहालय के दावे के बाद नई बहस शुरू हो गई थी। उन्होंने ताजमहल में भूमि पूजन का भी एलान किया था। हालांकि, वे ऐसा कर नहीं सके क्योंकि पुलिस ने उनको रास्ते में ही रोक लिया था और एक रात नजरबंद रखा था।
इस बीच अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी के नेता ने एक याचिका दाखिल कर ताजमहल के बंद कमरों को खुलवाने की मांग की थी। उन्होंने हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में यह याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।