उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज इतिहास रचा जायेगा। विधानसभा में गुरुवार का दिन महिलाओं के लिए रिज़र्व रखा गया है। यानी आज यूपी की महिला विधायक सदन में दिनभर महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रख सकेंगी।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन को बताया कि 22 सितंबर को महिला सदस्यों के लिए आरक्षित करने का निर्णय 19 सितंबर को सदन की कार्य सलाहकार समिति की बैठक में लिया गया था। उन्होंने कहा कि महिला सदस्यों को प्रश्नकाल के दौरान बोलने की अनुमति दी जाएगी।
सतीश महाना ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी महिलाओं के मुद्दों को सुनने के लिए सदन में मौजूद होंगे। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने स्पीकर से आग्रह किया है कि गुरुवार को यूपी विधानसभा की स्टाफ भी महिला ही हो। इसके साथ ही सुरेश खन्ना ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि सदन की कार्यवाही को कवर करने वाले मीडियाकर्मी भी महिलाएं होनी चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदस्यों से यह भी आग्रह किया कि वे अपना पक्ष विनम्र और संसदीय तरीके से पेश रखें और बहस अनुकूल माहौल में होनी चाहिए। सभी महिला विधायकों को अपनी बात रखने के लिए 8-8 मिनट मिलेगा। यूपी की 403 सदस्यीय विधानसभा में केवल 47 महिला विधायक हैं।
सतीश महाना ने लगभग 45 दिन पहले कई विधायकों से मुलाकात की थी और विधानसभा की कार्रवाई को लेकर उनकी राय जानी थी। सतीश महाना ने कहा, “जब मैंने महिला विधायकों से मुलाकात की और उनके मुद्दों को सुना, तो मैंने महसूस किया कि जब पुरुष सदस्य बोलना शुरू करते हैं तो उनमें से कुछ असहज हो जाती हैं। मैंने तब महिला विधायकों के बोलने के लिए एक दिन अलग से रखने का आश्वासन उन्हें दिया था।” उत्तर प्रदेश विधान सभा और विधान परिषद के दोनों सदनों का सत्र 19 सितंबर से शुरू हुआ और यह 23 सितंबर तक चलेगा।
सरकार में राज्य मंत्री (उच्च शिक्षा) और शाहबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक रजनी तिवारी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक रचनात्मक कदम है। विधानसभा हमारे निर्वाचन क्षेत्रों के मुद्दों को उठाने का स्थान है। वहीं कई महिला विधायक मुद्दों को उठाती हैं, जबकि कुछ नहीं उठा पातीं। इसलिए यह व्यवस्था उन सभी महिला विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों के मुद्दों को उठाने का अवसर देगी।”

