यूपी के हापुड़ के मिशनरी स्कूल में कथित तौर पर बच्चों की कलाइयों में बंधी राखियों को उतरवाने और माथे पर लगे तिलक को मिटवाने से उनके परिजनों में आक्रोश फैल गया। इसको लेकर बुधवार दोपहर बड़ी संख्या में अभिभावकों ने इसका विरोध किया और संबंधित शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। अभिभावकों का आरोप है कि शिक्षक ने बच्चों को उनकी राखियां डस्टबिन में फेंकने को मजबूर किया। उनका यह भी कहना है कि बच्चों के इस अनुरोध को भी शिक्षक ने नहीं माना कि राखियां वे अपने बैग में रख लें।
स्कूल प्रबंधन ने शिक्षक से बिना शर्त माफी मांगने को कहा
इस मामले को स्कूल प्रबंधन ने गंभीरता से लेते हुए आरोपी शिक्षक को अभिभावकों से बिना शर्त माफी मांगने को कहा। साथ ही अभिभावकों को यह आश्वस्त करने को भी कहा कि ऐसी घटना दोबारा नहीं होगी।
विहिप नेता ने कार्रवाई नहीं होने पर दी आंदोलन की चेतावनी
इस मामले में विश्व हिंदू परिषद हापुड़ जिले के प्रभारी सुधीर अग्रवाल ने चेतावनी दी, “हम ऐसी घटनाओं को सहन नहीं करेंगे और आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन शुरू कर देंगे।”
प्रधानाचार्य ने भी शिक्षक से माफी मांगने को कहा
स्कूल के प्रधानाचार्य ने कहा, “मुझे जानकारी मिली है कि बच्चों को राखियां उतारने और तिलक मिटाने के लिए मजबूर किया गया है। यह अच्छा व्यवहार नहीं है। मैंने आरोपी शिक्षक को निर्देश दिया है कि अभिभावकों से इस वादे के साथ माफी मांगे कि स्कूल परिसर में ऐसी घटना दोबारा नहीं होगी। हालांकि हिंदू देवी-देवताओं का शिक्षक के मजाक उड़ाने की बात निराधार है।”
हापुड़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश चंद मिश्रा ने कहा, “हमें पता चला है कि अभिभावकों ने बुधवार दोपहर को स्कूल परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था। हालांकि उन लोगों ने इस संबंध में कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई है। हम लिखित शिकायत मिलने पर कार्रवाई करेंगे।”