वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार यानी कि आज से ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वे शुरू होने जा रहा है। वजूखाने को छोड़कर बाकी पूरे परिसर का ASI द्वारा सर्वे किया जाएगा। 4 अगस्त तक एसआई टीम को कोर्ट में अपनी रिपोर्ट भी सौंपनी है। ऐसे में बताया जा रहा है कि आज सुबह सात बजे ही टीम मौके पर पहुंच अपना काम शुरू कर देगी।

आज से किया जाएगा सर्वे

सर्वे करने में कोई अड़चन ना आए, इसलिए पहले से ही सारी तैयारी कर ली गई है। सर्वे करने वाली टीम रविवार रात ही वाराणसी पहुंच गई और कमिश्नर के साथ एक अहम बैठक भी हो चुकी। इस समय सभी उपकरणों के साथ एसआई टीम पूरी तरह तैयार है और आज सुबह सात बजे से सर्वे का काम शुरू किया जा सकता है। वैसे इस सर्वे को रोकने के लिए मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है। याचिका दायर कर जोर देकर कहा गया है कि ये सर्वे तुरंत रुकना चाहिए। बताया जा रहा है कि सोमवार को इस याचिका पर बी सुनवाई संभव है।

हिंदू पक्ष का क्या दावा है?

जानकारी के लिए बता दें कि वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने शुक्रवार को ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वे की अनुमति दे दी थी। लेकिन साफ कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जिस वजूखाने वाले इलाको को सील करने लिए कहा गया, वहां पर कोई सर्वे नहीं होगा। ऐसे में बाकी जगह का सर्वे आज शुरू होने जा रहा है। हिंदू पक्ष लगातार दावा कर रहा है कि ज्ञानवावी वाली जगह पर पहले एक मंदिर था, लेकिन उसे 17वीं शताब्दी में मुगल शासक औरंगजेब ने ध्वस्त करवा दिया था।

मुस्लिम पक्ष का क्या दावा है?

वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष का दावा है कि इस सर्वे की वजह से मस्जिद को नुकसान पहुंच सकता है, ऐसे में इसे किसी भी कीमत पर मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए। लेकिन अभी के लिए कोर्ट द्वारा क्योंकि हरी झंडी दिखा दी गई है, ऐसे में सर्वे शुरू होने जा रहा है।

पूरा मामला क्या है?

जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले की शुरुआत इस साल 16 मई को उस समय हुई थी जब चार वादी महिलाओं ने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित हिस्से को छोड़कर बाकी जगह का ASI सर्वे करवाया जाए। उस याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई हुई थी और दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। अब उसी मामले में शुक्रवार को सबसे अहम फैसला आया और सर्वे की इजाजत दे दी गई।

कार्बन डेटिंग होती क्या है?

वैसे वैज्ञानिक सर्वे को कार्बन डेटिंग भी कहा जा सकता है। कार्बन डेटिंग की मदद से किसी भी वस्तु की अनुमानित उम्र का पता लगाया जा सकता है। पुख्ता जानकारी तो नहीं मिलती है, लेकिन काफी सटीक इनपुट फिर भी मिल सकता है। पत्थरों के अलावा, बाल, कंकाल, चमड़ी जैसी चीजों पर भी कार्बन डेटिंग की जा सकती है। इसकी सटीकता को समझते हुए ही ज्ञानवापी परिसर में कार्बन डेटिंग की जाएगी। बड़ी बात ये है कि कार्बन डेटिंग से करीब 50 हजार साल पुरानी वस्तुएं के बारे में भी पता लगाया जा सकता है।