जिला कोर्ट के आदेश के बाद वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे के मामले गुरुवार को भी हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट तय करेगा कि परिसर में सर्वे की इजाजत दी जाए या नहीं। इससे पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयान सामने आया है। एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने ज्ञानवापी परिसर में हो रहे सर्वे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मांग की कि अगर ज्ञानवापी में सर्वे हो रहा है तो देश के सभी मंदिरों का भी सर्वे होना चाहिए। उन्होंने बद्रीनाथ मंदिर को लेकर भी विवादित टिप्पणी की है।

बौद्ध मठ तोड़कर बना बद्रीनाथ मंदिर- मौर्य

एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ धाम भी बौद्ध मठ हुआ करता था। आदि शंकराचार्य ने उसे हिन्दू मंदिर बना दिया। ऐसे में अगर किसी एक की बात चलेगी तो फिर सभी तीर्थस्थलों की बात चलेगी। मौर्य ने कहा कि हम गढे़ मुर्दे उखाड़ना नहीं चाहते हैं इसलिए आज तक इस मुद्दे को नहीं उठाया है। मैं हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में सब भाई-भाई में विश्वास रखता हूं। हम आपसी भाईचारे और सौहार्द्र में भरोसा रखते है। हम समाज को बांटने में नहीं बल्कि जोड़ने में यकीन रखते हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगर एएसआई सर्वे हो ही रहा है तो वो सिर्फ ज्ञानवापी मस्जिद का ही नहीं होना चाहिए बल्कि जितने भी हिन्दू धार्मिक स्थल हैं, पहले उनकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जितने भी हिन्दू धार्मिक स्थल उनमें से अधिकांश मंदिर पहले बौद्ध मठ थे, उन्हें तोड़कर हिन्दू तीर्थ स्थल बनाया गया है। मौर्य ने कहा कि अगर गढ़े मुर्दे उखाड़ने की कोशिश की जाएगी तो बात बहुत दूर तक जाएगी। इसलिए 15 अगस्त 1947 तक जो स्थिति थी उसे ही माना जाए।

स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादों से है पुराना नाता

आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्या का विवादों से पुराना नाता है। कुछ समय पहले ही मौर्य ने श्री रामचरित मानस की एक चौपाई पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने श्री रामचरित मानस को दलित और महिला विरोधी बताया था। साथ ही उन्होंने श्री रामचरित मानस पर बैन लगाने की मांग भी की थी। उनके इस बयान के बाद लखनऊ में कुछ प्रदर्शनकारियों ने रामचरित मानस की प्रतियां जलाई थी। स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।