समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के प्रयासों से शुरू की गई इटावा-मैनपुरी रेल सेवा रेलवे के लिए घाटे का सौदा बन रही है। यहां आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया वाली कहावत पूरी तरह से चरितार्थ होती हुई नजर आ रही है। मौजूदा समय-सारिणी के कारण जनता को भी इसका लाभ नहीं मिल रहा है। इटावा-मैनपुरी रेल सेवा को भले ही चालू किया जा चुका हो लेकिन ट्रैक पर दौड़ने वाली गाड़ी का समय यात्रियों की सुविधा के अनुसार न होने से उसका लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है। नतीजतन इस रूट पर जाने वाले अधिकांश यात्री अन्य साधनों से अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं। इससे जहां एक ओर यात्रियों को परेशानी है, वहीं रेलवे को भी घाटा हो रहा है।
इस सेवा को इटावा जंक्शन से रात 10 बजे मैनपुरी के लिए रवाना किया जाता है, इससे अधिकतर ट्रेन खाली ही जाती है। दूसरे दिन तड़के साढ़े चार बजे इटावा-आगरा के लिए चलाया जाता है। इससे मैनपुरी, करहल तथा सैफई क्षेत्र से आने वाले यात्री इस ट्रेन से सफर ही नहीं कर पाते हैं। इस ट्रेन से इटावा-मैनपुरी के बीच महज 300-400 रुपए आमदनी के रूप में रेलवे को प्राप्त हो रही है जबकि इस ट्रेन का परिचालन कराने के लिए रेलवे रोजाना कई हजार रुपए व्यय करता है। अगर गार्ड-चालक और अन्य स्टाफ का वेतन और जोड़ दिया जाए तो घाटा और भी बढ़ जाता है। आमदनी न के बराबर होने के कारण अब इस ट्रेन की समय-सारिणी में परिवर्तन करने का प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि प्रस्ताव पास होने से जनता के साथ रेलवे को भी होगा लाभ।
इटावा-मैनपुरी रेल मार्ग पर रेलवे प्रशासन ने नई ट्रेन चलाने के बजाए आगरा-बटेश्वर से इटावा के बीच जारी डीएमयू यात्री ट्रेन का विस्तार मैनपुरी तक कर दिया था। यह ट्रेन सुबह साढ़े चार बजे मैनपुरी से इटावा आकर बटेश्वर-आगरा के लिए प्रस्थान करती है। वापसी में रात 10 बजे इटावा से मैनपुरी के लिए प्रस्थान करती है। दोनों ही वक्त सवारियां होती नहीं हैं। अधिकतर यात्री शाम ढलने से पहले अन्य संसाधनों से वैदपुरा, सैफई, करहल तथा मैनपुरी के लिए चले जाते हैं। पूर्व में यही ट्रेन इटावा से सुबह छह बजे बटेश्वर-आगरा के लिए प्रस्थान करती थी तो उदी, जैतपुरा,बाह और बटेश्वर से काफी संख्या में लोग आगरा के लिए सवार होते थे। मैनपुरी से चलाए जाने पर इसकी समय-सारिणी इस कदर प्रभावित हुई कि निर्धारित समय से काफी देरी से चलने लगी।
रोजना 6 या 7 टिकट बिकते हैं
मुख्य टिकट पर्यवेक्षक जगदीश प्रसाद बताते हैं कि यहां रोजाना 6 या 7 टिकट ही बिकते हैं। इससे रेल विभाग को घाटा उठाना पड रहा है। 55 किमी तक जाने के लिए यात्रियों से 15 रुपए लिए जाते हैं। 1 अगस्त को यहां पांच, 2 अगस्त को 7, 3 अगस्त को 6, 4 अगस्त को 5, 5 अगस्त को 6, 6 अगस्त को 7 और 7 अगस्त को पांच यात्रियों ने टिकट खरीदा। इस रेलखंड पर पांच स्टेशन हैं जिनमें इटावा, सैफई, करहल और मैनपुरी मुख्य हैं।
कलाम ने रखी थी इटावा-मैनपुरी रेल सेवा की आधारशिला
मुलायम सिंह यादव ने इटावा से मैनपुरी के मध्य रेलवे सेवा शुरू कराने का सपना प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री बनने पर 1989 में संजोया था। 2004 में मुख्यमंत्री बनने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम से इस रेल परियोजना की आधारशिला रखवाने में सफल रहे थे। मार्च 2016 में यह लाइन तैयार हुई। रेलवे प्रशासन ने इस मार्ग पर नई यात्री ट्रेन सेवा शुरू करने के बजाए आगरा-बटेश्वर से इटावा के मध्य चलने वाली डीएमयू यात्री ट्रेन का विस्तार करते हुए 28 दिसंबर 2016 को यात्री ट्रेन सेवा का शुभारंभ करा दिया।