पूरे देश में बुराई के प्रतीक के तौर पर माने जाने वाले रावण को वियजादशमी के दिन दहन किया जाता है। भगवान राम द्वारा मारे गए रावण को हम बुराई के तौर पर पहचानते हैं। इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए उत्सव भी मनाया जाता है। नवरात्रि के बाद पड़ने वाली दशमी पर रावण का पुतला फूंका जाता है। लेकिन भारत में ही कुछ ऐसी जगह भी हैं जहां रावण की पूजा होती है। साथ ही शोक भी मनाया जाता है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में शिवाला इलाके में स्थित रावण का मंदिर है। इस मंदिर पड़ोस में ही भगवान शिव जी का भी मंदिर है। कहा जाता है कि इस मंदिर में लोग आकर रावण से विद्या और ताकत का आशिर्वाद मांगते हैं। यह मंदिर पूरे साल में सिर्फ विजयादशमी के ही दिन खुलता है। आज के दिन इस मंदिर को लोगों के लिए खोल दिया जाता है। यहां के पुजारी ने बताते हैं, मान्यता है कि आज ही के दिन रावण का जन्म हुआ था और मृत्यु भी। हम इस मंदिर को विजयादशमी के दिन ही खोलते हैं। रावण का पुतला फूंकने के बाद इसे बंद कर दिया जाता है।
Devotees visit a Ravan Temple in Kanpur on #Dussehra. Temple Priest says,"It is believed that today is the birth as well as the death anniversary of Ravan. We open this Temple only for a day, it is will be locked in the evening after we burn an effigy of Ravan." pic.twitter.com/PKPJQlg6oR
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 19, 2018
इसके अलावा देश में कई और भी मंदिर हैं जहां शिवभक्त और ज्ञानी रावण की पूजा होती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के बिसरख में रावण का एक मंदिर स्थित है। बिसरख को रावण की जन्म स्थली माना जाता है। रावण के इस मंदिर में लोग पूजा पाठ करते हैं। साथ ही उत्सुकता के चलते दूर दराज से भी लोग आते हैं।
हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ कस्बे में रावण का कोई मंदिर नहीं है। यहां दशानन के पुतले नहीं फूंके जाते। मान्यता है कि यहां पर रावण ने भगवान शिव की वर्षों तक कठोर तपस्या की थी। साथ ही यह भी माना जाता है कि यहीं से रावण शिवलिंग लेकर लंका के लिए गुज़रे थे।
मध्य प्रदेश के विदिशा में एक गांव का ही नाम रावणग्राम है। मान्यता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी विदिशा की ही रहने वाली थी। स्थानीय लोग मंदोदरी को अपनी बेटी मानते हैं। लोग त्योहार पर मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं।
मध्य प्रदेश के ही मंदसौर में रावण पूज्यनीय है। यहां के मंदिर को रावण का पहला मंदिर माना जाता है। यहां रावण की विशाल मूर्ति भी है, जिसे रावण रुण्डी नाम से जाना जाता है। महिलाएं इस मूर्ति से सामने से घूंघट करके निकलती हैं। मान्यताओं के अनुसार रावण को मंदसौर का दामाद माना जाता है। मंदोदरी के नाम पर ही इस जगह का नाम मंदसौर पड़ा।