पिछले दिनों उत्तर प्रदेश पुलिस ने देवरिया शेल्टर होम से जिन लड़कियों को मुक्त कराया उनकी जबरन शादी कराई गई। खबर है कि 9 लड़कियों की शादी जबरन बुजुर्ग और दिव्यांग पुरुषों से कराई गई। इसके लिए बकायदा यूपी चीफ मिनिस्टर के जन विवाह योजना फंड से पैसा खर्च किया गया। फंड का इस्तेमाल 2017 और 2018 के बीच शादियों के लिए किया गया था। बता दें कि देवरिया शेल्टर होम केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट के स्वयं संज्ञान के बाद मामले में जांच के लिए यूपी पुलिस ने एक स्पेशल जांच टीम का गठन किया। दरअसल पूरी घटना तब सामने आई जब 5 अगस्त को एक 11 वर्षीय लड़की किसी तरह शेल्टर होम भागकर पुलिस के पास जा पहुंची। इस मामले में देवरिया पुलिस ने पांच अगस्त को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस को देवरिया शेल्टर होम अपराध को सार्वनजिक किया।
मामले की जांच कर रही एसआईटी को पता चला है कि मां विंद्यावशिनी महिला और बालिका संस्कार गृहा शेल्टर होम की मालिक गिरिजा त्रिपाठी ने जबरन 9 लड़कियों की शादी कराई। एसआईटी ने सभी नौ शादियों की जांच की और पाया कि वे मुख्यमंत्री की सामूहिक विवाह योजना के तहत यह विवाह हुए। टाइम्स ऑफ इंडिया को एसआईटी को वो चार्जशीट भी मिली है जिसमें इन 9 शादियों का ज्रिक है। इसमें लिखा है कि इन लड़कियों की शादी मुख्यमंत्री योजना के तहत हुईं। यह चार्जशीट इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की जा चुकी है।
चार्जशीट के मुताबिक एक लड़की की शादी बुजुर्ग, शारीरिक रूप से अक्षम से कराई गई। जबकि लड़की इस शादी के खिलाफ थी। एक अन्य मामले में एक लड़की की शादी नाबीना (देख नहीं सकने वाला) शख्स से कराई गई। आरोप है कि इस विवाह के लिए त्रिपाठी ने लड़के के मां-बाप से मोटी रकम वसूली।
जांच में यह भी पता चला है कि बिहार की कम से कम तीन लड़कियों की शादी कर मुख्यमंत्री की योजना का उल्लंघन किया गया। चूंकि यूपी सीएम की यह योजना सिर्फ प्रदेश की योग्य अविवाहितों के लिए है। जांच में पता चला है कि 9 में से 2 लड़कियां पहले से ही शादीशुदा थीं। एसआईटी ने चार्जशीट में शेल्टर होम की मालिक के खिलाफ मानव तस्करी, जालसाली और आपराधिक साजिश के अलावा अन्य मामलों आरोप पत्र दाखिल किए हैं।