यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में 2013 में हुए एक हत्या के मामले में फरार चल रहे 6 आरोपियों को स्थानीय अदालत ने ‘घोषित मुजरिम’ करार देते हुए नोटिस जारी किया है। माना जाता है कि इसी हत्या की वजह से उस साल दंगे भड़के थे। कोर्ट ने आरोपियों से कहा है कि वे एक महीने के अंदर पेश हों वर्ना उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। बता दें कि 27 अगस्त 2013 को मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में शाहनवाज की हत्या कर दी गई थी। इसके कुछ देर बाद दो जाट युवक गौरव और सचिन की गांववालों ने पीटकर हत्या कर दी थी। पुलिस का कहना था कि गौरव और सचिन शाहनवाज की हत्या के मुख्या आरोपी थे। इन हत्याओं के बाद मुजफ्फरनगर और आस पास के जिलों में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा हुई, जिसमें 62 लोग मारे गए और 60 हजार से ज्यादा लोगों को घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
शाहनवाज की हत्या के मामले में गौरव के पिता और 5 अन्य रिश्तेदार आरोपी हैं। पिछले साल कोर्ट की ओर से आरोपियों के खिलाफ नोटिस और वॉरंट जारी किए गए थे, लेकिन वे पेश नहीं हुए। पुलिस ने हाल ही में कोर्ट को बताया कि किसी भी आरोपी का सुराग नहीं मिल पाया है। कोर्ट अब इस मामले पर अगली सुनवाई 16 अप्रैल को करेगा। बता दें कि इस साल फरवरी में मुजफ्फरनगर की अदालत ने सचिन और गौरव की हत्या के 7 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। ये सभी अब जेल में हैं।
इससे पहले, 2015 में दंगों के मामलों की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई गई थी। एसआईटी ने शाहनवाज की हत्या के मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करते हुए सभी 6 आरोपियों को क्लीनचिट दे दी थी। इनमें गौरव के पिता रविंदर और पड़ोसी व रिश्तेदारों के तौर पर प्रह्लाद, बिशन, देवेंदर, जितेंदर और योगेंदर शामिल थे। एसआईटी की रिपोर्ट में कहा गया था कि कवाल गांव में पीटकर मार दिए जाने से पहले सचिन और गौरव ने शाहनवाज की हत्या कर दी थी। एसआईटी का कहना था कि 6 आरोपी इस वारदात में शामिल नहीं थे।