उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर सीट के लिए हुए उपचुनावों में बीजेपी को मिली करारी शिकस्त के लिए पार्टी के अति आत्मविश्वास को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के मंत्री ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि बीजेपी के अति आत्मविश्वास के कारण उपचुनावों में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा है। एएनआई से बातचीत के दौरान राज्य मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा, “यह उपचुनाव केवल अति आत्मविश्वास के कारण गंवाया गया है। न तो हमसे यानि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और न ही अपना दल से सलाह ली गई। हमसे बात की जाती तो हम उपचुनाव जीतने में उनकी मदद कर सकते थे।”

वहीं बीजेपी के कुछ नेता इस हार का ठीकरा मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के सिर पर फोड़ रहे हैं। बीजेपी नेताओं का कहना है कि इस हार के पीछे जातिगत समीकरणों की अनदेखी, मंत्रियों द्वारा की गई बयानबाजी और गौहत्या का मुद्दा मुख्य कारण हैं। गोरखपुर और फूलपुर सीट हारने के बाद योगी आदित्य नाथ ने हार की समीक्षा करने की बात कही थी। इसी को लेकर योगी ने गुरुवार को अपने सारे कार्यक्रमों को रद्द कर दिया था और अफसरों की बैठक बुलवाई थी।

बता दें कि गोरखपुर सीट पर योगी आदित्य नाथ का 1988 से कब्जा था, लेकिन अब यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई है। बीजेपी के उपेंद्र शुक्ला को समाजवादी पार्टी के प्रवीण निषाद ने 21 हजार से भी ज्यादा वोट से हराया था। राजनीतिक विशेषज्ञों ने बीजेपी की इस हार के पीछे सपा और बसपा का एकसाथ आना मुख्य कारण बताया है। विशेषज्ञों का मानना है कि निषाद समुदाय के करीब 3 लाख मतदाता गोरखपुर में हैं। इसके बाद बसपा ने सपा से हाथ मिलाया, जिसका सीधा फायदा सपा को पहुंचा है। वहीं योगी ने भी हार के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए हार का ठीकरा सपा और बसपा के गठबंधन पर फोड़ा था। योगी ने कहा था कि सपा और बसपा के बीच जो बेमेल सौदेबाजी और गठबंधन हुआ, उसे समझने में हमसे भूल हुई है।