भारतीय जनता पार्टी को दो सांसद और सात विधायक देने वाले उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले ने नगर निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ दल को करारा झटका दिया है। जिले की तीन नगर पालिका और चार नगर पंचायतों में से भाजपा को केवल दो सीटों पर ही सफलता मिल सकी है। बाकी पांचों सीटों पर बीजेपी की हार हुई है। कैसरगंज से बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने नवाबगंज नगरपालिका सीट पर बगावती रुख अपनाते हुए पार्टी प्रत्याशी अंजू सिंह को हरवा दिया और अपने समर्थक सत्येन्द्र कुमार सिंह को बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जितवा दिया। इस सीट को लेकर योगी सरकार के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री और सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बीच काफी तनातनी थी।
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में ही सांसद ने कहा था कि नवाबगंज में पार्टी ने जिसे प्रत्याशी घोषित किया है, वह बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के नेताओं की करीबी रही हैं और उनके समय में भी अध्यक्ष रह चुकी हैं। उनकी सगी देवरानी को समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी घोषित किया है। लिहाजा, उन्हें हराने की कसम खाई थी। उन्होंने कहा था कि नवाबगंज में पार्टी इतनी कमजोर नहीं है कि उसे अपना प्रत्याशी न मिले।
सांसद ने कहा था कि अंजू सिंह और उनका परिवार न तो कभी पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहा और न ही पार्टी से टिकट मांगा। ऐसे व्यक्ति को पार्टी उम्मीदवार बनाए जाने का कोई औचित्य नहीं था। सांसद ने कहा था कि इसलिए उन्होंने नवाबगंज में पार्टी के वफादार कार्यकर्ता का नामांकन करवाकर उसे प्रत्याशी बना दिया है। उन्होंने एलान किया था कि पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशी का विरोध करूंगा। चाहे इसका खामियाजा लोकसभा की सदस्यता गंवाकर ही क्यों न चुकाना पड़े।
बता दें कि महापौर की 16 में से 14 सीट पर भाजपा जीत चुकी है जबकि बसपा के प्रत्याशी 2 सीट पर जीते हैं। महापौर पद के चुनाव में बीते वर्ष सत्ता में रही समाजवादी पार्टी के साथ ही कांग्रेस भी मुकाबले से बाहर हो गई। गौरतलब है कि राज्य के 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका परिषद और 439 नगर पंचायतों में चुनाव तीन चरणों में कराया गया था। कुल मिलाकर तीन चरणों के मतदान का प्रतिशत औसतन 52.5 प्रतिशत रहा। यह 2012 के चुनाव के 46.2 से करीब छह प्रतिशत ज्यादा है। मतदान को लेकर सबसे ज्यादा उदासीनता शहरों में देखने को मिली। सबसे कम मतदान नगर निगमों में हुआ, वहीं नगर पंचायतों में अच्छा उत्साह देखने को मिला। नगर निगमों में जहां करीब 41.26 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ, वहीं पालिका परिषद में 58 प्रतिशत और नगर पंचायतों में 68.30 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।