बिकरू कांड में मुख्य याचिकाकर्ता सौरभ भदौरिया ने खुलासा किया है कि गैंगस्टर विकास दुबे के पैसे पर कई लोगों ने करोड़ों रुपए की संपत्तियां तैयार की हैं। इनमें अनूप सिंह उपेंद्र, पीयूष द्विवेदी और जयकांत वाजपेयी समेत 69 लोग शामिल हैं। दरअसल, जयकांत वाजपेयी के परिवारजनों को आर्थिक अपराध शाखा की तरफ से नोटिस भेजा गया है। याचिकाकर्ता वकील सौरभ भदौरिया की याचिका पर यह जांच शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि विकास दुबे की विदेशी संपत्तियों की ये लोग देखरेख करते थे और काफी कम समय में ही अरबों, करोड़ों रुपए की संपत्तियों के मालिक बन गए। इनके पास आय का कोई मजबूत साधन नहीं था और गैंगस्टर के पैसे पर ही उन्होंने नए व्यापार शुरू कर लिए।

भदौरिया ने एक टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में बताया कि पिछली जांच से पता चला कि जयकांत पंक्चर जोड़ने का काम करते थे। 2008 से लेकर 2017 तक उन्होंने काफी संपत्तियां बनाईं, जिनकी कीमत अरबों, करोड़ों रुपए में थीं।”

2017 में भी कर चुके हैं शिकायत
उन्होंने बताया कि 2017 में उनकी शिकायत पर जांच हुई और जयकांत दोषी पाए गए लेकिन उनके दबाव के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई और जांच भी रुकवा दी। भदौरिया ने बिकरू कांड के बाद मुख्यमंत्री से मिलकर फिर से शिकायत की और जांच की मांग की।

विकास दुबे के बल पर संपत्तियां तैयार करने वाले 69 लोगों को किया चिन्हित
वकील का दावा है कि उनकी शिकायत पर उन 69 लोगों को चिन्हित किया गया, जिन्होंने बहुत कम समय में विकास दुबे के बल पर संपत्तियां बना ली। उन्होंने बताया कि इन 69 लोगों में पनकी निवासी अनूप सिंह उपेंद्र, पीयूष द्विवेदी, आलोक शुक्ला, दीपू अवस्थी, दीपू परिहार, रामजी पाण्डेय, अरविंद कुमार द्विवेदी गुड्डन, प्रशांत शुक्ला डब्बू शामिल हैं।

लगभग आधा पनकी अनूप सिंह के नाम
सौरभ भदौरिया ने बताया कि लगभग आधा पनकी अनूप सिंह के नाम है और वो एक पेट्रोल पंप के मालिक हैं। वकील ने बताया कि कुछ दिन पहले अनूप सिंह से ईडी ने पूछताछ की थी। विकास दुबे की जो विदेश में संपत्तियां हैं उन्हें अनूप सिंह और पीयूष द्विवेदी समेत तीन लोग देखते हैं। उनका कहना है कि इन संपत्तियो से काफी पैसा आता है, जिसके प्रमाण भी उन्होंने पेश किए हैं।

योगी सरकार में निष्पक्ष जांच की उम्मीद
सौरभ भदौरिया का कहना है, “2017 से 2019 के बीच जितने व्यापार शुरू किए वो विकास दुबे के पैसे से शुरू किए गए। इससे पहले उन्होंने सारी संपत्तियां खरीद ली थीं। इनका आय का साधन सिर्फ आरटीआई था, जिससे इतनी संपत्तियां इकट्ठी नहीं की जा सकती हैं। मुझे विश्वास है कि योगी सरकार में निष्पक्ष जांच होगी और इनके आर्थिक साम्राज्य को पूरी तरह तोड़ दिया जाएगा, ताकि भविष्य में फिर से कोई बिकरू कांड ना हो।”

क्या है बिकरू कांड
बता दें कि 2 साल पहले जुलाई, 2020 में आधी रात को बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश डालने गई पुलिस पर उसके गुर्गों ने हमला कर दिया था, जिसमें डीएसपी और एसओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। एक-एक पुलिसकर्मी को दर्जनों गोली मारी गई थीं। इसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर 8 दिन के अंदर विकास दुबे समेत 6 बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था।