वाराणसी में बीएचयू के छात्रों ने कुलपति आवास का गंगाजल से शुद्धिकरण किया है। दो दिन पहले बुधवार (27 अप्रैल, 2022) को यहां इफ्तार पार्टी हुई थी। इसके बाद यूनिवर्सटी के छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया है। आज विरोध प्रदर्शन का तीसरा दिन है। इन छात्रों ने वीसी आवास पर जाकर खूब नारेबाजी की और अब वे मांग कर रहे हैं कि वीसी माफी मांगें। छात्र नेताओं का कहना है कि इस तरह के आयोजन कैंपस में नहीं होने चाहिए।

इस इफ्तार पार्टी में बीएचयू के कुलपति समेत यूनिवर्सिटी के अन्य अधिकारी भी शामिल हुए थे। इस बात की खबर जब छात्रों को लगी तो उन्होंने बवाल शुरू कर दिया। छात्रों ने वीसी आवास का शुद्धिकरण किया और अब कुलपति के खिलाफ अपना विरोध दर्शा रहे हैं।

विरोध करने वाले एक छात्र ने कहा, “लगातार विश्वविद्यालय हिंदू विरोध का केंद्र बनता जा रहा है। इस पर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर मौन हैं। इन तत्वों को वीसी का संरक्षण है। इस आवास में मालवीय जी भी रहते थे उनकी मंशा के विपरीत ये सारे काम हो रहे हैं। जो वर्तमान वीसी हैं वे हिंदू विरोधी हैं।”

छात्र ने आगे कहा, “हम उनके आवास का शुद्धिकरण करने आए थे कि ऐसे व्यक्ति जो महामना की इच्छा के विपरीत हों। अगर महामना की मंशा के अनुरूप विश्वविद्यालय का संचालन नहीं कर पा रहे हैं तो वे इस तरह आवास और परिसर को दूषित कर रहे हैं, इसलिए हम शुद्धिकरण करने आए थे।”

छात्रों ने यहां वीसी आवास के बाहर इफ्तार पार्टी का विरोध करते हुए मुंडन करवाया और वे लगातार कुलपति से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं। मुंडन करवाने वाले एक छात्र ने कहा, “एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में इफ्तार पार्टी हुई और दीवारों पर बीएचयू को कश्मीर बनाने की बात कही जाती है। वीसी पूरी तरह से संवाद शून्य व्यक्ति हैं वे बीएचयू जैसी यूनिवर्सिटी के वीसी के पद के लायक नहीं हैं। अगर उनको इतना ही इस्लाम प्यारा है, इफ्तार पार्टी करना पसंद है, ईद मनाना पसंद है और रोजा रखना पसंद है तो वे इस्तीफा देकर चले जाएं।”