पंजाब के भारतीय किसान यूनियन का एक प्रतिनिधिमडल संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी का दौरा करेगा और लखीमपुर हिंसा में मृतक किसानों के लिए न्याय की मांग करेगा। कई राज्यों के किसान इस दौरे में शामिल होंगे। 4 मई को किसान पंजाब से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना होंगे और 5 मई को मृतक किसानों के परिजनों से मुलाकात करेंगे।

भारतीय किसान यूनियन (पंजाब) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने मीडिया से बात करते हुए हुए किसानों के दौरे की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “पिछले साल मारे गए किसानों को न्याय दिलाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान संघ 5 मई को यूपी के लखीमपुर खीरी का दौरा करेंगे। किसान नेता 4 मई को पंजाब से प्रस्थान करेंगे और लखीमपुर खीरी के रास्ते में राजस्थान, यूपी और हरियाणा के अन्य किसान भी शामिल होंगे।”

दरअसल पिछले साल 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों का प्रदर्शन चल रहा था और उसी दौरान एसयूवी थार से किसानों को कुचल दिया गया था, जिसमें 4 किसानों की मृत्यु हो गई थी। यह घटना उस वक्त घटी जब जिले में राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का एक कार्यक्रम भी था। किसानों की हत्या का आरोप केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर लगा और मामले में उन्हीं को मुख्य आरोपी भी बनाया गया है।

9 अक्टूबर को आशीष मिश्रा को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन 10 फरवरी 2022 को करीब 4 महीने बाद आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। मृतक किसानों के परिजनों ने आशीष मिश्रा की जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाते हुए जमानत रद्द कर दिया और आशीष मिश्रा को सरेंडर करने को कहा। साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर भी टिप्पणी की।

सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जल्दबाजी में उन्हें जमानत दी थी। 24 अप्रैल को आशीष मिश्रा ने सरेंडर कर दिया था और तब से वह जेल में बंद हैं।